पोस्टमैन कहानी का सारांश प्रश्न उत्तर पात्र परिचय

पोस्टमैन शैलेश मटियानी 

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पोस्टमैन कहानी का सारांश 

प्रस्तुत पाठ या कहानी पोस्टमैन , लेखक शैलेश मटियानी जी के द्वारा लिखित है।यह कहानी उत्तर प्रदेश के कुमाऊं अंचल के दयाराम पोस्टमैन के इर्द-गिर्द घूमती है। पोस्टमैन दयाराम जब इस अंचल में डाक बांटने जाते हैं, तब उसकी खातिर या पूछ-परख अच्छी-बुरी ख़बर के आधार पर होती है। एक बार जब दयाराम मृत्यु का तार देने जाता है तो उसकी जान के लाले पड़ जाते हैं। ऐसे ही एक अवसर पर पोस्टमैन दयाराम बहाना बनाकर तार को अपने वरिष्ठ अधिकारी पाण्डेय जी को दे देता है। पाण्डेय जी के लौटने तक वह दिवा स्वप्न में ही डूबा रहता है कि न जाने इस तार का क्या परिणाम निकलेगा।
  
जब पोस्टमैन दयाराम ने गाँव के प्रधान जसौत सिंह नेगी के नाम से उनके बेटे रतनुआ की ओर से भेजी गई चिट्ठी को देने गया तो चिट्ठी हाथ में लेते हुए प्रधान ने आवाज़ दी – “अरी बहु ! पोस्टमैन सैप के लिए दरी तो डाल दे, चा-तमाकू पिला” .  तत्पश्चात प्रधान दयाराम की ओर मुड़कर उसे चिट्ठी पढ़कर सुनाने को बोले। पोस्टमैन दयाराम ने दरी पर बैठते हुए, लिफ़ाफ़े खोलने के बाद पढ़ना शुरू किया। चिट्ठी में घर के सभी बड़े-छोटे के प्रति आदर-सत्कार की बातें लिखी हुई थी। छोटे भाई की शादी की बातों का भी जिक्र किया गया था। रतनुआ अपनी ड्यूटी के बारे में भी बात करता है। छुट्टी पर साल भर बाद आने की बात करता है। अपने तरफ सब कुछ कुशल होने की बात करता है। पोस्टमैन दयाराम चिट्ठी समाप्त कर आगे के घरों की ओर बढ़ जाता है।
कम्स्यारी गाँव से पोस्टमैन दयाराम लौटा, तो शाम हो आई थी। ब्रांच पोस्ट-ऑफिस बेनीनाग में वह पोस्टमैन था। नया-नया नौकरी पर लगा था। हाई स्कूल पास करने के बाद बेकार पड़ा था। उसके पिता हरकारे की ड्यूटी करते थे। उन्होंने ने ही शहर पोस्ट-मास्टर के यहाँ (चतुर्मास-भर दही की टेकियाँ और ककड़ी, लौकी के बोरे पहुँचाने के बाद) बेटे को यह पोस्टमैनी दिलाई थी।  जब किसी का मनीआर्डर आता और दयाराम उसे देता, तो वह उसको तिलक लगाता और दक्षिणा देता था।  अपनी खाकी वर्दी पहनकर, खाकी झोला कंधे से लटकाए, दयाराम जब गांवों में जाता, तो जिस घर के समीप भी पहुँचता, ऊखल-कुटती औरतें मूसल रोक लेतीं, दूध दुहने वाली एक धार ज़मीन में बिखेर देती और बूढ़ों के हाथ में चिलम की नली थमी रह जाती।सबकी जबान पर एक ही बात होती …… “पोस्टमैन सैप”।  लड़ाई के समय में कुमाऊँ गाँव के अधिकांश बेटे पलटन में भर्ती हो गए थे।  आर्थिक-विवशताओं ने उन्हें अपने परिजनों, अपनी धरती से अलग होने को बाध्य किया था। 
पोस्टमैन कहानी का सारांश प्रश्न उत्तर पात्र परिचय

पोस्टमैन दयाराम को मुवाणी गाँव की बात याद है।  एक तार वह ले गया था।  धन सिंह बिष्ट का बेटा मारा गया था पलटन में, कश्मीर की लड़ाई में।  तार दयाराम ने खुद पढ़के सुनाया था और उसकी जान ख़तरे में पड़ गई थी। धन सिंह की बहु दराँती लेकर दयाराम को मारने आई थी।  उसे खूब बुरा-भला बोली थी।  दयाराम के माथे पर पसीना आ गया था।  दयाराम कहना चाहता था, मुझे क्यों गालियाँ देती है, दीदी ? मैंने तो तुम्हारे स्वामी को गोली नहीं मारी ⃒ पर, कह वह कुछ नहीं पाता था।  भागुली के करुण विलाप के आगे उसकी वाणी मूक हो गई थी। सोमवार का दिन था, कमस्यारी गाँव की तरफ जाने की पारी थी।  ब्रांच पोस्टमास्टर पाण्डेय चिट्ठियां सॉर्ट कर रहे थे और दयाराम कुछ खोया-खोया सा अपनी डाक थैले में भर रह था की सहसा वह बिच्छू के काटे सा चिहुंक उठा – उसकी तरफ पोस्टमास्टर पाण्डेय तार का एक लिफाफा बढ़ा रहे थे।  तार या उस चिट्ठी का पता था – जसौत सिंह नेगी, कमस्यारी।  नाम देखते ही पोस्टमैन दयाराम विचलित हो उठा।  जब पोस्टमास्टर पाण्डेय ने दयाराम से कारण पूछा तो उसने जुकाम होने का बहाना बना दिया।  इस पर पोस्टमास्टर पाण्डेय ने दयाराम से सहानुभूति जताते हुए कहते हैं कि तुम ड्यूटी पर मत जाओ, कमस्यारी की तरफ तो बड़ी तेज़ ठंडी हवा बहती है, कहीं निमोनिया न हो जाए।  उसके बाद पोस्टमास्टर पाण्डेय ने दयाराम को दुकान में ही रहकर टिकिट-लिफाफों का हिसाब-किताब रखने की जिम्मेदारी दे दिया  । 

 
पिछले दिनों हुए कुछ अप्रिय घटनाओं को याद करके दयाराम कहीं खोया रहता है, तो पोस्टमास्टर पाण्डेय उसे झकझोरते हुए कहते हैं – “बुखार ज्यादा चढ़ आया है क्या, बेटे दयाराम ?” तत्पश्चात पाण्डेय जी दयाराम को संबोधित करते हुए कहते हैं कि – तकदीर का तू कच्चा है बेटे ! तार लेकर जसौत सिंह नेगी के घर गया। अल्मोड़ा जो उनकी बेटी ब्याही है, उसके लड़का हुआ है । बेचारों ने खूब आव-भगत की ! ऊपर से आठ आने दक्षिणा दी कि ब्राह्मण आदमी हो, खुशखबरी लाए हो। ” आखिर में पाण्डेय जी अपने जेब से चवन्नी निकालकर दयाराम को देते हुए बोले – चलने लगा था कि प्रधान की बहु प्रधान से बोली कि चार आने दक्षिणा छोटे पोस्टमैन के लिए भी भेज दीजिए, बड़ी लक्ष्मी बेटी है !  

पोस्टमैन कहानी के प्रश्न उत्तर  

बहुवैकल्पिक प्रश्न 
प्रश्न-1 – पोस्टमैन का काम क्या है ? 
उत्तर- पत्र पहुँचाना 
प्रश्न-2 – मनीआर्डर द्वारा क्या किया जाता है ? 
उत्तर- पैसा भेजा जाता है 
प्रश्न-3 – रतन सिंह नेगी के पिता का नाम क्या है ? 
उत्तर- जसौत सिंह नेगी 
प्रश्न-4 – रतन सिंह नेगी को किससे अदावत हो गई थी ? 
उत्तर- मोतीराम 
प्रश्न-5 – कमस्यारी गाँव का पोस्ट ऑफिस कहाँ था ? 
उत्तर- बेनी नाग 
 
मौखिक लिखित 
प्रश्न-1 – पत्र कहाँ से आया था ? 
उत्तर- पत्र मिलिट्री क्वाटर्स, देहरादून से आया था। 
प्रश्न-2 – दयाराम कौन है ? 
उत्तर- दयाराम एक पोस्टमैन है, जो कमस्यारी गाँव के पोस्ट ऑफिस (बेनी नाग) में पदस्थ है ।  
प्रश्न-3 – मनीआर्डर आने पर पोस्टमैन का सम्मान किस प्रकार किया जाता था ? 
उत्तर- मनीआर्डर आने पर पोस्टमैन दयाराम को तिलक लगाकर स्वागत किया जाता था और उसे दक्षिणा भी प्राप्त होता था।  
प्रश्न-4 – कुमाऊँ के अधिकांश बेटे पलटन में क्यों शामिल हो गए थे ? 
उत्तर- आर्थिक विवशताओं के कारण कुमाऊँ के अधिकांश बेटे पलटन में शामिल हो गए थे।  
प्रश्न-5 – ठाकुर जसौत सिंह को किस बात पर गर्व हुआ ? 
उत्तर- पोस्टमैन दयाराम ने हँसकर जब पूरा पता प्रधान को सुनाया तो ठाकुर जसौत सिंह गर्वित हो उठे।  क्योंकि वह चिट्ठी उसके बेटे का था, जो फ़ौज या पलटन में था।  
प्रश्न-6 – दयाराम को पोस्टमैनी किस प्रकार मिल पाई थी ? 
उत्तर- दयाराम हाई स्कूल पास करने के बाद बेकार पड़ा था।  उसके पिता हरकारे की ड्यूटी करते थे। उन्होंने ही शहर पोस्ट मास्टर के यहाँ (चातुर्मास-भर दही की टेकियाँ और ककड़ी, लौकी के बोरे पहुँचाने के बाद) बेटे को यह पोस्टमैनी दिलाई थी।  
प्रश्न-7 – धन सिंह की बहू ने दयाराम पर अपना क्रोध किस प्रकार निकाला था ? इस क्रोध का क्या कारण था ? 
उत्तर- धन सिंह की बहू ने दराँती लेकर दयाराम को मारने दौड़ाया था तथा खूब गंदी-गंदी गालियाँ दी थी।  इस क्रोध का यह कारण था कि दयाराम मुवाणी गाँव धन सिंह के यहाँ चिट्टी लेकर गया था, जिसमें खबर थी की धन सिंह का बेटा मारा गया था पलटन में, कश्मीर की लड़ाई में।  
प्रश्न-8 – पोस्टमास्टर पाण्डेय जी के साथ कैसा व्यवहार किया गया ? इसका क्या कारण था ? 
उत्तर- पोस्टमास्टर पाण्डेय जी के साथ अच्छा व्यवहार किया गया।  उनकी खूब आव-भगत की गई।  ऊपर से आठ आने की दक्षिणा भी दी गई।इन सबका यह कारण था कि पोस्टमास्टर पाण्डेय जी जो तार लेकर गए थे, उसमें खबर थी कि अल्मोड़ा जो उनकी बेटी ब्याही है, उसे लड़का हुआ है।  
भाषा संरचना 
प्रश्न-1 – निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण-विशेष्य छाँटकर सामने लिखिए – 

एक लंबे सादे लिफ़ाफ़े पर टिकट चिपकाए गए थे।   
छोटे भाई को मेरा आशीर्वाद पहुँचे।  
तंबाकू की असली पिंडी मँगवा लेना।   
छोटे-छोटे बालकों को कौन बिस्कुट खिलाएगा ?  
चार आने दक्षिणा छोटे पोस्टमैन के लिए।  
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है – 

विशेषण  विशेष्य 

  • लंबे सादे लिफ़ाफ़े 

  • छोटे भाई

  • असली तंबाकू 

  • छोटे-छोटे बालकों 

  • छोटे पोस्टमैन  


 
प्रश्न-2 – उदाहरण देखो, समझो और वाक्य बदलो – 
उदाहरण :- मैंने रतन सिंह को गोली नहीं मारी।  
     मेरे द्वारा रतन सिंह को गोली नहीं मारी गई।  
उत्तर – निम्नलिखित उत्तर हैं – 
धन सिंह की बहू ने पोस्टमैन को गालियाँ दीं।  
धन सिंह की बहू द्वारा पोस्टमैन को गालियाँ दी गई। 
 
पाण्डेय जी ने दयाराम को चवन्नी दी।  
पाण्डेय जी द्वारा दयाराम को चवन्नी दी गई।  
विधवा जैंतुली ने कंधे पर बाल फैला लिए।  
विधवा जैंतुली के द्वारा कंधे पर बाल फैला लिए गए।  
तूने बूढ़े पोस्टमास्टर को भेज दिया।  
तुम्हारे द्वारा बूढ़े पोस्टमास्टर को भेज दिया गया।  

पोस्टमैन कहानी के शब्दार्थ 

सिपौय – सिपाही 
बखत – वक़्त 
आखर – अक्षर 
विध्या – विद्या 
दाज्यू – बड़ा भाई 
कोसिस – कोशिश, प्रयास 
मातम – शोक 
काया – शरीर 
विलाप – रोना-पीटना 
परमेसर – परमेश्वर 
निकटवर्ती – करीब का 
मूक – चुप 
सार्ट – छाँटना 
फ़र्क – अंतर 
राहत – चैन 
तकदीर – किस्मत, भाग्य 
विस्मय – हैरानी 
अपार – जिसका पार न पाया जा सके 
बिलैंती – विलायती 
सप्रयास – कोशिश करके 
आकुल – बैचैन 
वाणी – आवाज़ 
परैमरी – प्राइमरी 
मन्यौडर – मनीआर्डर 
बाँचना – पढ़ना 
मुखागिरी – जुबानी याद 
चरणतल – पैरों के नीचे 
ममत्व – ममता 
वज्र – पत्थर, कठोर 
विवशता – मजबूरी 
हरकारा – डाकिया 
ब्वारियों – बहुओं 

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