माता पिता
आशीर्वाद का सदा हाथ रहे
जीवन भर तेरा साथ रहे
साया मां-बाप का बना रहे
माता पिता |
खुशियों का उत्सव सजा रहे।
बच्चों को मां-बाप सदा ही
संस्कार सिखलाते हैं
प्रतिपल वह बच्चों को
नई राह दिखलाते हैं।
अपनी इच्छा को त्याग सदा
बच्चों को सब कुछ देते हैं
सुख -दुख रूपी नैया को
वह जीवन भर को खेते हैं।
निःस्वार्थ भाव निःस्वार्थ प्रेम,
हृदय में उनके होता है।
भाग्यवान वो लोग हैं जो
साया जिनके सिर होता है।
हाथों में तेरा हाथ रहे……।।
– जितेंद्र मिश्र ‘भरतजी’