बाबू गुलाब राय जीवन परिचय

बाबू गुलाब राय जीवन परिचय  
Jeevan Parichay of Babu Gulab Rai in Hindi 

बाबू गुलाब राय जीवन परिचय  Jeevan Parichay of Babu Gulab Rai in Hindi बाबू गुलाबराय का जन्म इटावा में सन १८८८ ई .में हुआ था .इन्होने दर्शनशास्त्र से एम् .ए की उपाधि प्राप्त की .बाद में कानून की डिग्री भी प्राप्त की .साहित्य और दर्शन दोनों में इनकी समान रूचि एवं गति थी .हिंदी संस्कृत ,उर्दू ,फ़ारसी आदि कई भाषाओँ पर इनका अच्छा अधिकार था .कई वर्षों तक ये छतरपुर रियासत के महाराजा के सचिव रहे ,इसके बाद आप आगरा के सेंट जोंस कॉलेज में अध्यापन कार्य करते रहे .इनके जीवन का अधिकांश समय आगरा में ही बीता .इन्होने साहित्य सन्देश नाम की मासिक आलोचनात्मक पत्रिका का संपादन भी किया .आगरा विश्वविद्यालय ने इन्हें डी .लिट् की उपाधि प्रदान की .१३ अप्रैल ,१९६३ ई. को इनका देहावसान हो गया . 

आधुनिक हिंदी गद्य में प्रमुख स्थान – 

आधुनिक हिंदी गद्य के उन्नयनकों में गुलाब राय जी का प्रमुख स्थान है .इन्होने हिंदी भाषा और साहित्य को समृद्ध
बाबू गुलाबराय
बाबू गुलाबराय

करने में महत्वपूर्ण योगदान किया .बाबूजी के साहित्यिक कृतित्व के कई रूप हैं – काव्यशास्त्रकार ,व्यावहारिक आलोचक ,ललित और गंभीर निबंधकार ,शास्त्रकार आदि .इसके अतिरिक्त बाबू जी हिंदी के शुभचिन्तक थे और इन्होने बहुत से हिंदी लेखकों को न केवल प्रेरणा और प्रोत्साहित किया बल्कि सही अर्थों में उन्हें साहित्यकार भी बनाया .

काव्यशास्त्र सम्बन्धी ग्रंथों में इनका दृष्टिकोण समन्वय परक दिखाई पड़ता है .व्यावहारिक समीक्षा सम्बन्धी रचनाओं में विचार विशलेषण पर अधिक ध्यान देने की प्रवृत्ति पायी जाती है .काव्यशास्त्रकार और समीक्षक से कहीं अधिक ये निबंधकार के रूप में अधिक विख्यात हैं .ललित निबंधों में कुछ मधुर हास्य की सृष्टि के साथ ये पाठक से आत्मीयता का सम्बन्ध स्थापित करते दिखाई देते हैं .व्यक्तिपरक और वस्तुपरक दोनों ही प्रकार के निबंध इन्होने लिखें हैं और दोनों में ही सफलता मिली हैं .आपने अपने निबंधों में विनोद की सृष्टि करते हुए अत्यंत सजीव एवं आकर्षक रूप प्रदान किया है . 

गुलाब राय की रचनाएँ – 

गुलाब राय की उल्लेखनीय रचनाएं निम्नलिखित हैं – 

  • नवरस 
  • सिद्धांत और अध्ययन 
  • काव्य के रूप 
  • हिंदी नाट्य विमर्श 
  • हिंदी काव्य विमर्श 
  • हिंदी साहित्य का सुबोध इतिहास 
  • अध्ययन और आस्वाद 
  • मेरी असफलताएँ
  • ठलुआ क्लब 
  • मेरे निबंध 
  • मन की बातें 
  • राष्ट्रीयता 

गुलाब राय जी का हिंदी साहित्य में योगदान – 

गुलाब राय जी ने एक मौलिक निबंधकार, उत्कृष्ट समालोचक एवं सफल संपादक के रूप में आपने  हिंदी की जो सेवा की है, उसके लिए वे सदैव प्रशंसा और धन्यवाद के पात्र हैं।आपने सामाजिक, सांस्कृतिक, मनोवैज्ञानिक आदि विविध विषयों पर भी अपनी लेखनी चलाकर हिंदी साहित्य की अभिवृद्धि की है जिसके लिए हिंदी साहित्य आपका सदैव ऋणी रहेगा .

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