बुनियाद

बुनियाद

चिडिया की चोंच की
एक एक बूंद पानी से
बुनियाद
बुनियाद
जंगल की आग तो 
बुझती नहीं
पर
आग बुझाने की
उसकी मुहिम
हमेशा परोपकार का
एक विरासत छोड जाता है।
हम उस चिडिया की
भावनाओं से 
इतना तो सीख 
ले ही सकते हैं
हम से
कुछ हो न हो
पर दुस्कर्म की आग को
बुझाने में
हम भी कुछ तो 
कर सकते हैं
उस चिडिया की तरह!
हमारी बुनियाद
सदा
यह मजबूत रहे
हम से कभी 
कुछ हो न हो
पर
किसी का कोई
अपकार न हो!
– वैद्यनाथ उपाध्याय 

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