मेरे विद्यालय का पुस्तकालय

विद्यालय का पुस्तकालय 
Essay on My School Library in Hindi

मेरे विद्यालय का पुस्तकालय विद्यालय का पुस्तकालय Essay on My School Library in Hindi – प्रत्येक विद्यालय में एक पुस्तकालय होता है .पुस्तकालय पाठकों के लिए ज्ञान का भण्डार होता है .यहाँ पर पुस्तकें तथा
पुस्तकालय
पुस्तकालय

पत्र पत्रिकाएं होती हैं .विद्यार्थी उन्हें पढ़ते हैं .

पुस्तकालय कक्ष – 

हमारे विद्यालय में बहुत अच्छा पुस्तकालय है .यह एक बड़े हाल में स्थित है .इसके दो भाग है .पहला भाग पुस्तकों के अध्ययन के लिए प्रयोग किया जाता है .यहाँ पुस्ताकलयाध्यक्ष बैठते हैं .दूसरे भाग में पत्र पत्रिकाएं रखी होती हैं ,वहां विद्यार्थी उन्हें खाली घंटों में पढ़ते हैं .इस कमरे की दीवारें सुन्दर आदर्श वाक्यों से सजी हुई हैं .हमारे पुस्तकालय में पूर्णतया ख़ामोशी रहती हैं . 

पुस्तक सूचि –

हमारे पुस्तकालय में विभिन्न विषयों पर पचास हज़ार से अधिक पुस्तकें हैं .सभी पुस्तकों को विषय वार खानों और आलमारियों में व्यवस्थित किया गया है .प्रत्येक आलमारी का एक सूचि पत्र बना है . 

पुस्तकें कैसे वितरित होती हैं – 

हमारे विद्यालय में कक्षा वार पुस्तकालय प्रणाली प्रयुक्त होती है .भिन्न भिन्न कक्षाओं के लिए भिन्न भिन्न दिन निर्धारित होते हैं .हमारे कुशल पुस्ताकलयाध्यक्ष श्री राजेश सिंह जी पुस्तकालय की व्यवस्था करते हैं .प्रत्येक विद्यार्थी को एक पुस्तकलय कार्ड मिला होता है .जब उसे किसी पुस्तक की आवश्यकता होती है तो पुस्तकालय के पास कार्ड को ले जाता है .फिर अध्यक्ष जी उसे उसकी पसंद की पुस्तक दे देते हैं .विद्यार्थी को एक पखवाड़े में वह पुस्तक लौटानी होती है . 

पुस्तकालय के उपयोग – 

पुस्तकालय विद्यार्थियों को सामान्य ज्ञान प्रदान करने का उत्तम साधन है .यह अच्छी पुस्तकों के पढने की रूचि जाग्रत करता है .यह फ़ालतू समय के सर्वोत्तम उपयोग करने के अवसर प्रदान करता है .यह उन निर्धन छात्रों के लिए वरदान है जो अपनी पुस्तकों को नहीं खरीद सकते .वे अपने अध्यन में पुस्तकालय की पुस्तकों का पूरा लाभ उठा सकते हैं . 
मुझे अपने विद्यालय का पुस्तकालय बहुत पसंद है .इसने मुझमें पुस्तकों के प्रति प्रेम उत्पन्न किया है . 

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