आधुनिक हिन्दी साहित्य के कथाकारों में यशपाल का नाम प्रमुख है। ये एक साथ ही क्रांतिकारी एवं लेखक दोनों रूपों में जाने जाते है। प्रेमचंद के बाद हिन्दी के सुप्रसिद्ध प्रगतिशील कथाकारों में इनका नाम लिया जाता है। अपने विद्यार्थी जीवन से ही यशपाल क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़े ,इसके परिणाम स्वरुप लम्बी फरारी और जेल में व्यतीत करना पड़ा । इसके बाद इन्होने साहित्य को अपना जीवन बनाया ,जो काम कभी इन्होने बंदूक के माध्यम से किया था, अब वही काम इन्होने बुलेटिन के माध्यम से जनजागरण का काम शुरु किया। यहाँ पर यशपाल के जीवन पर बना विडियो दिया जा रहा है । आशा है कि इसके माध्यम से यशपाल के साहित्य एवं लोक दृष्टि को समझने में सहायता मिलेगी ।