विष्णु प्रभाकर का जीवन परिचय

विष्णु प्रभाकर का जीवन परिचय

विष्णु प्रभाकर का जीवन परिचय vishnu prabhakar ka jivan parichay विष्णु प्रभाकर का जीवन परिचय व साहित्यिक परिचय विष्णु प्रभाकर जीवनी विष्णु प्रभाकर जी हिंदी भाषा व साहित्य के प्रमुख कथाकार व उपन्यासकार माने जाते हैं।आप गांधीवादी रचनाकार के रूप में जाने जाते हैं। श्री विष्णु प्रभाकर का जन्म उत्तर प्रदेश में २१ जून १९१२ को मुजफ्फरनगर जिले में मीरनपुर ग्राम में हुआ था।इन्होने हिसार में आकर बी.ए की उपाधि प्राप्त की।फिर कुछ समय तक आपने पंजाब सरकार के कृषि विभाग में फार्म की नौकरी की।नौकरी के साथ साथ ही आप लेखन कार्य भी करते रहे। बाद में आपने नौकरी छोड़कर अपने को पूरी तरह से लेखन कार्य में संलग्न हो गए। इन्होने कुछ समय तक आकाशवाणी में भी उच्च पद पर कार्य किया। 
विष्णु प्रभाकर जी एक बहुमुखी प्रतिभा के साहित्यकार थे।बंगला कथाकार शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय  की जीवनी आवारा मसीहा इनकी एक ऐसी रचना है जिसके लिए इन्हें भारतीय साहित्य में हमेशा याद किया जाएगा। इन्होने आदर्शवाद ,सांस्कृतिक चेतना ,नैतिक मूल्यों और मनोविज्ञान को दृष्टि में रखकर सामाजिक एकांकियों की रचना की है।अर्द्धनारीश्वर उपन्यास पर आपको साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।आपको भारत सरकार के द्वारा पद्मभूषण सम्मान भी प्राप्त हुआ। आपका देहांत ११ अप्रैल २००९ को हुआ। 

विष्णु प्रभाकर की भाषा शैली

विष्णु प्रभाकर
विष्णु प्रभाकर

विष्णु प्रभाकर जी की भाषा सरल व सहज खड़ी बोली है।भाषा गतिशील तथा प्रभावशाली है। इनकी रचनाओं में हिंदी के अतिरिक्त उर्दू और अंग्रेजी के शब्द भी मिलते हैं। शैली सरल व रोचकतापूर्ण हैं।इनकी भाषा में ओजगुण व प्रभाव भी हैं। 

विष्णु प्रभाकर की रचनाएँ 

आपकी रचनाओं की जानकारी निम्न हैं – 

  • उपन्यास –ढलती रात, स्वप्नमयी, अर्धनारीश्वर, धरती अब भी घूम रही है, क्षमादान, दो मित्र आदि 
  • कहानी संग्रह – संघर्ष के बाद, धरती अब भी धूम रही है, मेरा वतन, खिलोने आदि। 
  • आत्मकथा – पंखहीन। 
  • जीवनी – आवारा मसीहा
  • यात्रा वृतान्त – ज्योतिपुन्ज हिमालय, जमुना गन्गा के नैहर मै।
इस प्रकार आपने ग्यारह नाटक ,सात उपन्यास व चौदह कहानी संग्रह और यात्रा वृतान्त लिखे हैं। इनकी बाल साहित्य से सम्बंधित पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। 

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