शिवमंगल सिंह सुमन का जीवन परिचय

शिवमंगल सिंह सुमन का जीवन परिचय इन हिंदी

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शिवमंगल सिंह सुमन का जीवन परिचय
शिवमंगल सिंह सुमन

शिवमंगल सिंह सुमन की काव्यगत विशेषताएँ 

शिवमंगल सिंह सुमन जी प्रगतिवादी काव्यधारा से जुड़े रहे हैं। इनके गीतों में प्रेम विषयक और श्रृंगारिकता भरी पड़ी है। प्रगतिवादी कविता की कड़ी में इन्होने एक ओर तो शोषित मानव की पीड़ा और निराशा को दर्शाया है ,दूसरी ओर वर्ग संघर्ष और सामाजिक विषमता को चित्रित किया है। इनकी कविताओं में जीवन्तता पाठकों पर सबसे अधिक प्रभाव डालती है। 

शिवमंगल सिंह सुमन भाषागत विशेषताएं भाषा शैली 

छायावाद के अंतिम दौर में विद्रोही कवि के रूप में सुमनजी हिंदी कविता में आये। इनके गीतों में व्यंग तथा उद्बोधन है। इन्होने अपनी रचनाओं में लोकगीत शैली के साथ साथ तत्सम शब्दों का,अंग्रेजी ,उर्दू के शब्दों का प्रचुरता से प्रयोग किया है। आप हिंदी के सशक्त गीतकार हैं। 

शिवमंगल सिंह सुमन की प्रमुख रचनाएं कृतित्व

शिवमंगल सिंह सुमन जी की निम्नलिखित रचनाएँ हैं – 

काव्य संग्रह – हिल्लौल ,जीवन के गान ,प्रलय सृजन ,मिट्टी की बारात ,विश्वास बढ़ता ही गया ,पर आँखें नहीं भरी ,विन्ध्य हिमालय। 

नाटक – प्रकृति पुरुष कालिदास। 

आलोचनात्मक पुस्तक – महादेवी की काव्य साधना। 

पुरस्कार – मिट्टी की बारात पर साहित्य अकादमी पुरस्कार, विश्वास बढ़ता ही गया पर देव पुरस्कार प्राप्त हुआ। 

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