हे भगवान ! ऐसा मुझको वर दो

हे भगवान ! ऐसा मुझको वर दो

हे भगवान! ऐसा मुझको वर दो,
कि मुझसे किसी को कभी नहीं डर हो!

हे ईश्वर! ऐसी मुझमें शक्ति भर दो,
कि मैं हर अशक्त का सहारा बन सकूं!

हे भगवान ! ऐसा मुझको वर दो

हे प्रभु! मुझे ऐसा कद्दावर कर दो,
कि किसी का कद मुझसे ना कम हो!

हे रब! ऐसा मुझको तन-मन दो,
कि मैं मन की गति से उड़ान भर सकूं!

हे रब! ऐसा मुझमें हिम्मत दो,
कि सबसे मैं कुशल क्षेम जान सकूं!

हे देव! ऐसा आत्मा विस्तार करो,
कि मैं सबको आत्मीय जन समझूं!

हे प्रभु मुझे ऐसा कर दो
कि सब कोई मुझे अपना सा दिखे!

हे राम! मुझमें इतना प्यार भर दो,
मैं किसी से कभी नफरत ना कर सकूं!

हे ईश्वर मेरी भुजाएं हजार कर दो,
ताकि मैं प्यार कर सकूं हजारों जन को!

हे भगवान मुझे हजार हाथ दें,
ताकि मैं हजार बार तुमको नमन करुं !


– विनय कुमार विनायक

दुमका, झारखण्ड-814101.

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