अकेलेपन में खोये जा रहे हो
घर में अकेले कैद है,
कोरोना के बचाव के लिए,
डर के साये को लिए,
अपने दिलो-दिमाग में,
पर अब अकेलापन रास ना आ रहा,
सबसे मिलने की चाह में,
पर कोई ना मिल रहा खुद से,
खुद की तलाश में,
मिल जाओगे खुद से,
तो अकेलापन भी रास आएगा,
दुनिया की इस भीड़ में,
कोई तुम्हे ना अकेला कर पायेगा,
होंगे तुम अकेले,
पर पूरी फौज तुम्हारे साथ होगी,
जब झांक जाओगे अपने अंदर,
पूरी कायनात साथ होगी,
ना जानकर खुद को,
खुद में ही रोये जा रहे हो,
कुछ दिन अकेले हो घर में,
और अकेलेपन में खोये जा रहे हो..!
– सुमित वर्मा