अगरबत्ती नाटक दस्यु रानी फूलन देवी

‘अगरबत्ती’ मेटा बेस्ट ओरिजिनल स्क्रिप्ट’ 2019 का  लोकार्पण 

अगरबती नाटक दस्यु रानी फूलन देवी और उसके गिरोह द्वारा शुरू किये गये बेहमई नरसंहार पर आधारित है
इस नाटक का मंचन मेटा के 14वे संस्करण 2019 हुआ था और इसे बेस्ट ओरिजिनल स्क्रिप्ट पुरस्कार से नवाजा गया था .
नई दिल्ली, 18 अगस्त 2020: भारतीय रंगमंच के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार समारोह महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (मेटा ) के 15 वें संस्करण की वर्चुअल पुरस्कार समारोह की घोषणा हो चुकी है . तीन सप्ताह तक चलने  वाले इस  समारोह मे  आज महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (मेटा )2019 के 14वे संस्करण के बेस्ट ओरिजिनल स्क्रिप्ट ‘अगरबत्ती’ की पटकथा पुस्तक का लोकार्पण  हुआ . वाणी प्रकाशन के साथ साझेदारी में प्रकाशित ‘अगरबत्ती’ नाटक आशीष पाठक द्वारा लिखित और स्वाति दुबे द्वारा निर्देशित है.
पुस्तक लोकार्पण के बाद  ‘बहमई की विधवायें’ सत्र में इला अरुण , सुनीत टंडन , अजित राय  , आशीष पाठक
अगरबत्ती नाटक
अगरबत्ती नाटक

और स्वाति दुबे ने परिचर्चा की । अभिनेत्री,गयिका और 2019 मेटा की जूरी रही इला अरुण और सुनीत टंडन ने अगरबत्ती नाटक को किस तरह से बेस्ट ओरिजिनल स्क्रिप्ट के लिए चुना गया पर अपने अनुभव रखे . नाटक के लेखक आशीष पाठक कहा कि इस नाटक का भूगोल सच्चा है मगर इसके पात्र काल्पनिक हैं . निर्देशक स्वाति दुबे ने अपनी ख़ुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उनको भरोसा था कि यह नाटक लोगों पर गहरा प्रभाव डालेगा मगर उन्हें यह आभास नही था कि इसकी पठकथा एक किताब की शक्ल में प्रकाशित होगी. थिएटर आलोचक अजित राय ने कहा कि आशीष पाठक ने हिंदी नाट्य क्षेत्र में एक नया ट्रेंड स्थापित किया है,जिसका अनुशरण आगे किया जाएगा.

जाति, लिंग, वर्ग संघर्ष और राजनीति की दिलचस्प कहानी अगरबत्ती दस्यु रानी फूलन देवी और उसके गिरोह द्वारा शुरू किये गये बेहमई नरसंहार पर आधारित है, जो ठाकुर के आदमियों द्वारा उसके सामूहिक बलात्कार का बदला लेने के लिए किया गया था। इस नरसंहार में मारे गये ठाकुरों की विधवाओं को रोज़गार देने के उद्देश्य से सरकार ने गाँव में अगरबत्ती का एक कारखाना खोला। उन विधवाओं में से एक लाला राम ठकुराइन, अपने पति की अस्थियों का विसर्जन तब तक नहीं करती जब तक कि फूलन देवी को मार नहीं दिया जाता। नाटक इस पर भी सवाल उठाता है कि जब फूलन अपना बदला लेती है तो ठाकुरों की पत्नियों  पर क्या बीतती है। महिलाओं के समूह द्वारा नृत्य और संगीत के साथ जब नाटक शुरू होता है तो गोलियों की तड़तड़ाहट से सब सिहर जाते हैं। नाटक पितृसत्ता, जाति, वर्ग-संघर्ष और राजनीति पर सवाल उठाता है। जब दस्यु क्वीन अपना बदला लेती है तो ठाकुरों के घरों में 24 महिलाएं विधवा हो जाती हैं। कहानी की शुरुआत होती है फूलन की मौत के बाद जो घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में उसकी उलझनों और परिणामों को दर्शाती है।  
अरुण माहेश्वरी, प्रबंध निदेशक, वाणी प्रकाशन ग्रुप ने पुस्तक लोकार्पण पर बोलते हुए कहा “रंगमंच सबसे अधिक सहयोगी और लोकतांत्रिक कला रूप है-  बिल्कुल पुस्तक प्रकाशन की प्रक्रिया की ही तरह। यह हमारी सभ्यता के ताने बाने का प्रतिनिधित्व करता है। यह वाणी प्रकाशन समूह के लिए एक सम्मान है कि वह टीमवर्क आर्ट्स और मेटा के साथ मिलकर थिएटर में नई प्रतिभाओं को सामने लाए और प्रकाशित पुस्तकों के रूप में  युवा दर्शकों  और पाठकों तक पहुंच बनाए। हम आशा करते हैं कि यह उस संदेश को लंबे समय तक जोड़ेगा जिसे मेटा ने अपने एक्सीलेंस अवार्ड के माध्यम से चुना है। हम इस साझेदारी की शुरुआत अगरबत्ती नाटक के पटकथा के  प्रकाशन से कर रहे हैं। “
महिंद्रा ग्रुप द्वारा अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने हेतु, टीमवर्क आर्ट्स द्वारा क्यूरेट किया गया मेटा पुरस्कार रंगमंच की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों और प्रदर्शनों के साथ-साथ  निर्माताओं और कलाकारों को एक नई पहचान दिलाता आया है। मेटा के 15वाँ संस्करण की अवॉर्ड सेरेमनी कविड महामारी के कारण इसबार वर्चुअल होगी.  23 अगस्त को मेटा 2020 लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित बैरी जॉन पर ख़ास कार्यक्रम और 30 अगस्त को वर्चुअल अवार्ड्स सेरेमनी का आयोजन होगा. 
नामांकन की पूरी सूची के लिए, कृपया www.metawards.com पर जाएं।

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