आदर्श प्रेम / हरिवंशराय बच्चन की कविता

हरिवंश राय बच्चन

प्यार किसी को करना लेकिन
कह कर उसे बताना क्या
अपने को अर्पण करना पर
और को अपनाना क्या

गुण का ग्राहक बनना लेकिन
गा कर उसे सुनाना क्या
मन के कल्पित भावों से
औरों को भ्रम में लाना क्या

ले लेना सुगंध सुमनों की
तोड उन्हे मुरझाना क्या
प्रेम हार पहनाना लेकिन
प्रेम पाश फैलाना क्या

त्याग अंक में पले प्रेम शिशु
उनमें स्वार्थ बताना क्या
दे कर हृदय हृदय पाने की
आशा व्यर्थ लगाना क्या

हरिवंश राय  “बच्चन”(१९०७ – २००३) हिन्दी के
एक प्रसिद्ध कवि और लेखक थे। बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल
के प्रमुख कवियों मे से एक हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति ‘मधुशाला’  है.

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