बहादुर बित्तो की कहानी CBSE Class 3 Hindi Chapter 5

बहादुर बित्तो की कहानी CBSE Class 3 Hindi Chapter 5

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बहादुर बित्तो कहानी का सारांश  

बहादुर बित्तो एक पंजाबी लोककथा है ,जिसमे एक किसान पत्नी बित्तो का वर्णन किया गया है। एक दिन किसान अपनी पत्नी बित्तो को आकर बताता है कि मैं आज जब हल चला रहा था तब एक शेर ने आकर कहा कि अपना बैल मुझे खाने को दे दो ,वर्ना तुझे मैं खा जाऊँगा। बित्तो पूछने लगी कि तुमने क्या कहा तो किसान ने कहा कि घर जाकर अपनी गाय लेकर आता हूँ। यह सुनकर बित्तो को बहुत गुस्सा आया कि यदि गाय को शेर खा लेगा तो बच्चे रोटी किस चीज़ से खायेंगे। 
बित्तो ने अपनी बुद्धि का प्रयोग किया। उसने पति से कहा कि जाकर शेर से कहो कि मेरी पत्नी तुम्हारे लिए एक ताज़ा – मोटा घोडा लेकर आ रही है। इसके बाद बित्तों ने सर पर एक बड़ा सा पग्गड़ बाँधा और हाथ में दराँती लेकर घोड़े पर सवार हो गयी। वह घोडा दौड़ाती हुई खेत में पहुंची और किसान से कहा कि अरे किसान ! तुमने तो बताया था कि चार शेरों को फाँस कर रखा है। यहाँ  तो सिर्फ एक है। खैर ,नास्ते में सिर्फ एक ही काफी है। यह सुनकर शेर डर कर भाग गया। यह देखकर किसान दंपत्ति बहुत खुश हुए। 
बहादुर बित्तो की कहानी
बहादुर बित्तो की कहानी 

उधर ,भेड़िया यह सब देख रहा था। उसने शेर से जाकर कहा कि वह बित्तो थी जिसे तुमने राक्षसी समझ लिया है। इस बार यदि बैल न हाथ आया ,तो मेरा नाम भेड़िया नहीं। 

बहुत समझाने – बुझाने के बाद शेर तैयार हुआ ,लेकिन उसने भेड़िये से कहा कि तुम अपनी पुंछ मेरी पूंछ से बांधे रखना। दोनों जने पूँछ बांधकर चल पड़े। किसान बहुत डर गया ,लेकिन बित्तों समझदार थी। उसने तुरंत तरकीब निकाली और भेड़िये से कहने लगी कि तूने वादा किया था तू पूँछ से बाँधकर चार शेर लाएगा। लेकिन एक ही शेर ले आया। यह मरियल शेर खा कर मेरा पेट नहीं भर पायेगा। यह कहकर वह आगे बढ़ने लगी। 
यह सुनकर शेर के होशो – हवास उड़ गए। वह समझा कि भेड़िये ने उसके साथ धोखा किया है। वह फ़ौरन वहां से भागा। भेड़िये ने उसे बहुत समझाने की। लेकिन वह डरकर भागता चला गया। अब किसान और बित्तो आराम से रहने लगे। इसके बाद शेर कभी किसान के खेत की तरफ नहीं आया। 

बहादुर बित्तो के प्रश्न उत्तर 

कहानी में ढूँढो – 

प्र. शेर किसान से क्या लेने गया था?
उ. शेर को भूख लगी थी। इसीलिए वह किसान का बैल खाने गया था। 
प्र. शेर ने बित्तो को राक्षसी क्यों समझ लिया?
उ.  बित्तो ने अपनी बुद्धि का प्रयोग किया और कहा कि किसान तुने बताया था कि चार शेरों को फाँस कर रखा है। लेकिन तुने एक मरियल सा शेर बाँध कर रखा है। यह शेर केवल नास्ते के लिए ही पर्याप्त है। यह सुनकर शेर ने बित्तो को राक्षसी समझ लिया। 

प्र.  बैल की जान कैसे बच गई?

उ.  बैल की जान बित्तो की बुद्धिमानी के कारण बच पायी। बित्तो ने किसान से चार शेरों को फाँस कर रखने के लिए कहा था। शेर यह सब सुनकर बहुत डर गया और भाग खड़ा हुआ। 
तुम्हारी जबानी 

प्र. नीचे कुछ शब्दों के नीचे रेखा खिंची हुई है। उन्हें ध्यान में रखते हुए नीचे लिखे वाक्यों को अपने शब्दों में लिखो।

बित्तो घोड़े पर सवार हो गई।
तुम घर की गाय को शेर के हवाले कर रहे थे।
आज एक राक्षसी से पाला पड़ गया।
अगर बैल आपके हाथ न आए तो मेरा नाम भेड़िया नहीं।
शेर को देखते ही किसान के होश-हवास गुम हो गए।


उ.  बित्तो घोड़े पर बैठ गयी। 
तुम घर की गाय को शेर को खाने को दे रहे हो। 
आज एक राक्षसी से सामना हुआ। 
यदि आप बैल का भोजन नहीं किये तो मैं जिम्मेदार हूँ। 
शेर को देखते ही किसान बहुत डर गया। 
बेचारा भेड़िया
प्र. शेर तो डर कर भाग गया। सोचो तो भेड़िए का क्या हुआ होगा?

उ.  शेर बहुत डर गया था। उसके साथ भेड़िया की पूँछ बंधी थी। शेर के भागने पर वह भी घसीटता चला गया। घसीटते – घसीटते उसे बहुत चोट आई और वह घायल हो गया। वह बहुत पछताया कि अब किसी को इस तरह बुद्धि नही बताएगा। 
प्र.  शेर किसान के पास कितनी बार गया था? कहानी देखे बिना बताओ।

उ.  शेर किसान के पास दो बार गया था। 
खाली जगह में क्या आएगा ?

प्र.  मेरी छत पर मोर आया।
मेरी छत पर मोरनी आई।
मोर-मोरनी की तरह नीचे लिखे शब्दों के भी रूप बदलो।

उ.  औरत – मर्द 
घोड़ा – घोड़ी 
शेर – शेरनी 
मछुआरा – मछुआरिन
बच्चा – बच्ची 
राजा – रानी 
बोलो ,तुम क्या सोचती हो ! 

प्र. भेड़िए ने शेर को भोले महाराज क्यों कहा? क्या शेर सचमुच भोला था?

उ.  भेड़िये ने शेर को भोला इसीलिए कहा क्योंकि वह एक साधारण किसान की पत्नी को राक्षसी समझ लिया था। बित्तो राक्षसी नहीं थी। यदि होती तो सबसे पहले अपने पति ,बच्चों और जानवरों को ही खा जाती। इस प्रकार शेर सचमुच भोला था। 
प्र. शेर ने भेड़िए की पूँछ के साथ अपनी पूँछ क्यों बाँध ली?

उ.  शेर बित्तों से बहुत डर गया था। भेड़िये के मनाने पर वह राजी हुआ। यदि कोई मुसीबत आये तो भेड़िया उसका साथ देगा। यही समझकर उसने अपनी पूँछ ,भेड़िये के पूँछ से बाँध ली। 
प्र.  क्या शेर फिर कभी बित्तो के खेत की तरफ़ गया होगा? हाँ, तो क्यों? नहीं, तो क्यों?

उ.  शेर किसान के खेत में दुबारा नहीं गया होगा क्योंकि वह बहुत डर गया था। 
प्र. बित्तो की हिम्मत तुम्हें कैसी लगी? अगर तुम बित्तो की जगह होतीं तो शेर से कैसे निपटतीं?

उ.  मुझे बित्तो की हिम्मत बहुत सराहनीय लगी। हमें मुसीबत के समय हिम्मत से ही काम लेना चाहिए। यदि बित्तो हिम्मत से काम नहीं लेती ,तो उसके जानवरों को शेर खा लेगा। यदि मैं बित्तो की जगह होती तो खूब शोर मचाती ,जिससे आस – पास के लोग इकट्ठे हो जाएँ ताकि शोरगुल सुनकर शेर भाग जाए। 
अगर ऐसा होता तो 

प्र. अगर तुम शेर की जगह होतीं तो क्या करतीं?

उ.  यदि मैं शेर की जगह होती तो तुरंत ही बैल को मार कर खा जाती ,जिससे किसान को घर जाने का मौका ही न मिल पाए। अतः इस प्रकार बित्तो को यह सब जानकारी ही न होने पाती। 
प्र. अगर तुम बित्तो की जगह होतीं तो शेर से कैसे निपटतीं ?

उ.  यदि मैं बित्तो की जगह होती तो खूब – शोर मचाती ,जिसे सुनकर शेर भाग जाता। 

बहादुर बित्तो के कठिन शब्द शब्दार्थ

गुस्सा – क्रोध
मरियल – बहुत दुबला पतला
पग्गड़ – मोटा साफा
हिम्मत – बहादुरी
कोशिश – प्रयास
होश हवास – सुधबुध
फ़ौरन – तुरंत

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