बुधिया
बुधिया
आज
सड़क पर
मिट्टी का तेल
डालकर आत्महत्या
कर ली
जयचन्द प्रजापति ‘कक्कू जी’ |
दबंगों ने
उसे
उसके ही घर से
निकाल दिया
और
वे महानुभाव
उसके घर में
आग लगा दी
वह रोती रही
गिड़गिड़ाती रही
वे पिघले नहीं
क्योकि वह
उनका हमबिस्तर बनने से
इंकार कर दिया था
यह रचना जयचंद प्रजापति कक्कू जी द्वारा लिखी गयी है . आप कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं . संपर्क सूत्र – कवि जयचन्द प्रजापति ‘कक्कू’ जैतापुर,हंडिया,इलाहाबाद ,मो.07880438226 . ब्लॉग..kavitapraja.blogspot.
com