मिथकीय तथ्य का सत्य

मिथकीय तथ्य का सत्य


यह सत्य नहीं मिथक है
कि ब्रह्मा के मुख से ब्राह्मण
बाहु से क्षत्रिय, वैश्य उदर से
शूद्र पैर से प्रकट हुआ है
यह तथ्य लक्षणा कथन है!

ब्रह्मा सृष्टि पिता है

मिथकीय तथ्य का सत्य
तथ्य का सत्य

ब्रह्मा का पुत्र सभी ब्राह्मण
मुख का काम ज्ञान प्रवचन
बाहु का रक्षण,उदर का पोषण
पैर का भार संवहन है!

ऋग्वेद का पुरुष सुक्त
अभिधा नहीं लक्षणा वर्णन है
वेद कथा इतिहास ग्रंथ नहीं 
यह आदि मानव मन का 
प्रथम काव्य चित्रण है!

ब्राह्मण का वर्ण श्वेत
क्षत्रिय का लोहित,वैश्य पीत
शूद्र का कृष्ण नहीं होता
शीत में श्वेत,उष्ण में श्याम
रंग भौगोलिक कारण है!
वशिष्ठ प्रपौत्र व्यास काले
राम कृष्ण श्यामल क्षत्रिय थे
गद्दी में बैठा बनिया गौर
और श्याम वर्ण रंग की वजह
मेनालीन पिगमेंटेशन है!

कर्ण नहीं कान से जन्मे
कर्ण पुत्र था कानीन कुन्ती का
द्रोण पड़ा मिला था द्रोण पात्र में
राजगीर का राजवैद्य जीवक
जीवित मिला था कूड़ेदान में!

सरकंडे पर पड़े मिले बालक पे
शांतनु ने कृपा की कृपाचार्य बने
उर्वशी से मित्र,वरुण के रमन से
अगस्त, वशिष्ठ ऋषि जन्मे थे
सब जन्म लेते हैं प्रजनन से!

पहले नारी स्वछंद थी
विवाह बंधन नहीं,रमन वृति थी
ऋषि की अप्सरा वन कन्या से
उत्पन्न संतति की संज्ञा
परिस्थितिजन्य होती थी!

अब कठोर विवाह बंधन है 
शुचिता पूर्ण रमन है, दृष्टि में
परिवर्तन है, ऋषियों को खास
जाति का मानने के कारण से 
विद्वतजन में जातिगत भ्रम है!

– विनय कुमार विनायक
दुमका, झारखंड-814101

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