मुहावरे और उनका प्रयोग (१)

मुहावरा :- विशेष अर्थ को प्रकट करने वाले वाक्यांश को मुहावरा कहते है। मुहावरा पूर्ण वाक्य नहीं होता, इसीलिए इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता । मुहावरा का प्रयोग करना और ठीक -ठीक अर्थ समझना बड़ा ही  कठिन है ,यह अभ्यास से ही सीखा जा सकता है । इसीलिए इसका नाम मुहावरा पड़ गया ।

यहाँ पर कुछ प्रसिद्ध मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य में प्रयोग सहित दिए जा रहे है।

१.अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – (स्वयं अपनी प्रशंसा करना ) – अच्छे आदमियों को अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता ।
२.अक्ल का चरने जाना – (समझ का अभाव होना) – इतना भी समझ नहीं सके ,क्या अक्ल चरने गए है ?
३.अपने पैरों पर खड़ा होना – (स्वालंबी होना) – युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए ।
४.अक्ल का दुश्मन – (मूर्ख) – राम तुम मेरी बात क्यों नहीं मानते ,लगता है आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो ।
५.अपना उल्लू सीधा करना – (मतलब निकालना) – आजकल के नेता अपना अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते है ।

६.आँखे खुलना – (सचेत होना) – ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखे खुलती है ।
७.आँख का तारा – (बहुत प्यारा) – आज्ञाकारी बच्चा माँ -बाप की आँखों का तारा होता है ।
८.आँखे दिखाना – (बहुत क्रोध करना) – राम से मैंने सच बातें कह दी , तो वह मुझे आँख दिखाने लगा ।
९.आसमान से बातें करना – (बहुत ऊँचा होना) – आजकल ऐसी ऐसी इमारते बनने लगी है ,जो आसमान से बातें करती है ।
१० .ईंट से ईंट बजाना – (पूरी तरह से नष्ट करना) – राम चाहता था कि वह अपने शत्रु के घर की ईंट से ईंट बजा दे।
११.ईंट का जबाब पत्थर से देना – (जबरदस्त बदला लेना) – भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा ।
१२.ईद का चाँद होना – (बहुत दिनों बाद दिखाई देना) – राम ,तुम तो कभी दिखाई ही नहीं देते ,ऐसा लगता है कि तुम ईद के चाँद हो गए हो ।
१३.उड़ती चिड़िया पहचानना – (रहस्य की बात दूर से जान लेना) – वह इतना अनुभवी है कि उसे उड़ती चिड़िया पहचानने में देर नहीं लगती ।
१४.उन्नीस बीस का अंतर होना – (बहुत कम अंतर होना) – राम और श्याम की पहचान कर पाना बहुत कठिन है ,क्योंकि दोनों में उन्नीस बीस का ही अंतर है ।
१५.उलटी गंगा बहाना – (अनहोनी हो जाना) – राम किसी से प्रेम से बात कर ले ,तो उलटी गंगा बह जाए ।

शेष  दूसरे  अंक में —

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