ये विषैला विषाणु वाला वर्ष

ये विषैला विषाणु वाला वर्ष

ये विषैला विषाणु वाला
बीस सौ बीस ईस्वी का वर्ष
जरा ठीक से गुजर तो जाए
अगले वर्ष की पहली तारीख को
हर बार की तरह सबकुछ भुलाकर
धकिया दिया जाएगा बुद्ध
ठेंगा दिखा दिया जाएगा 

ये विषैला विषाणु वाला वर्ष

गांधी की अहिंसा नीति को
पूरे तामझाम के साथ 
कटेंगे ढेर सारे पशु-पक्षी
डाइनिंग टेबुल से लेकर
जैविक उद्यान तक में 
उग आएगी बोतलें एकाएक
कुकुरमुत्ते की तरह
मुर्गे की टांगें तय करेगी
बीते वर्ष की अनसुलझी गुत्थियां
जीवन-मृत्यु का रहस्य
बोतलें कायम करेगी साम्प्रदायिक एकता
बकरे-मुर्गे-शराब मिलकर
मिटाएंगे धार्मिक भेदभाव
बुद्ध की करुणा/जिन की अहिंसा
ईसा की शांति जैसे
ढेर सारे पेटेंट दर्शन टांग दिए जाएंगे 
खूंटी पर गंदी कमीज की तरह 
उतार कर अपने-अपने धार्मिक चिन्हों को
एकमेव हो जाएंगे भाई-भाई
पश्चिमी प्रेमी-प्रेमिका की तरह
गलबहियां करेंगे आदम की संतान!

लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं सका
बीस सौ बीस गुजर गया और आया
बीस सौ इक्कीस का दूसरा कोरोना लहर
जिसने मचाया कुछ ज्यादा कहर

पर क्या लौट आएंगे कोरोना मुक्त दिन,
दो हजार उन्नीस,बीस,इक्कीस के पहले का
या छूट जाएगा बहुत कुछ सदा के लिए?

– विनय कुमार विनायक

दुमका, झारखण्ड-814101.

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