आँखों मे तेरे बसने को,
तड़पे निंदिया रानी,
सो जा बिटिया रानी।
खोल द्वार उस परी नगर का,
इंतजार करती है तेरा,
उन परियों की नानी,
सो जा बिटिया रानी।
सुंदरतम उस स्वप्न जगत में,
तुझे सुनाएगी हँस – हँस कर,
उन परियों की कहानी,
सो जा बिटिया रानी।
संग रहेंगे चंगृदामामा,
तोरे संग तेरे खेलेंगे,
रंगराज अयंगर
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करना तू मनमानी,
सो जा बिटिया रानी।
जागोगी जब देर रात तक,
सारी परियाँ उड़ जाएंगी,
मत कर तू नादानी,
सो जा बिटिया रानी।
यह रचना माड़भूषि रंगराज अयंगर जी द्वारा लिखी गयी है . आप इंडियन ऑइल कार्पोरेशन में कार्यरत है . आप स्वतंत्र रूप से लेखन कार्य में रत है . आप की विभिन्न रचनाओं का प्रकाशन पत्र -पत्रिकाओं में होता रहता है . संपर्क सूत्र – एम.आर.अयंगर. , इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड,जमनीपाली, कोरबा. मों. 08462021340