सबसे मजेदार घटना पर हिन्दी में निबंध
जन्मदिन पर निमंत्रण
घटना आज से लगभग २ वर्ष पुरानी है। मार्च का अंतिम दिन था। विद्यालय का अवकाश था। मैं कुछ उदास स्थिति में घर में बैठा था। अचानक डाकिया मेरे नाम का एक पत्र द्वार पर लगी पत्र पेटिका में दाल गया। उत्सुकतावश ,पेटिका से बाहर निकालकर पढ़ा। दूसरे दिन जन्म दिवस समारोह का निमंत्रण था। आग्रह कुछ अधिक ही था और दूसरे दिन शाम का समय खाली था। अतः कार्यक्रम बनाकर शाम के समय एक बड़ा -सा उपहार लेकर हम उनके घर पहुंचे। यहाँ सब कुछ सामान्य सा ही दिखाई दिया। अब पहुँच तो गए ही थे। विचार किया कि जो होगा देखा जाएगा। उत्सुकता दबाये इंतज़ार करने लगे। परिवार के सभी सदस्य अचानक मेरे आगमन से कुछ आश्चर्यचकित थे ,क्योंकि अनेक बार आग्रह किये जाने पर भी मैं वहाँ नहीं जाता था। औपचारिकता के बाद भी जब मुझे जन्म दिवस मनाये जाने पर भी मैं वहाँ नहीं जाता था। तो मैंने पूछा कि आज किसी के जन्म दिवस मनाये जाने की सूचना मिली थी। जिसके कोई लक्षण अथवा तैयारी नहीं है। तब जाकर बात खुली। उसी समय सम्बन्धी की पुत्री चाय के साथ मिठाई और नमकीन आदि लेकर आई। मेरे आग्रह पर उस बालिका के पिताजी भी शामिल हो गए। मैंने ध्यान दिया कि वे कुछ अधिक कृत्रिम गंभीरता का आवरण लगाकर आचरण कर रहे थे। उनकी माँ के लिए कहा गया कि वे किसी सहेली से मिलने गयी है। मुझे यह कुछ बनावटी तो मालूम हुआ किन्तु मैं शांत रहा।
अप्रैल फूल बनाया तो उनको गुस्सा आया
अब पासा पलट गया। मुझे मूर्ख बनाने वाले स्वयं मूर्ख बन गए। बाद में अच्छे नास्ते और गप्पों के बाद वापस लौटा। मैं यह घटना आज भी नहीं भुला पाता हूँ।