ईद भाईचारे की

ईद भाईचारे की

ईद पर अब तुम धर्म मजहब भुला देना
वो शेवैया खिलाए तुम्हे तुम उसे गले लगा देना
वो तुम्हारे लिए मांगेगा बरकत परवर दिगार से 
तुम उसके लिए तरक्की भगवान से मांग लेना 
दिखे कोई बच्चा बिन वालिद तो हाथ उसका थाम लेना 
ईद भाईचारे की
ईद भाईचारे की 
दिलाकर कुछ उपहार उसे मुस्कान उसकी लौटा देना 
तुम एक कदम बढ़ा देना वो चार कदम चल आएगा 
और मजहबी इस दीवार को मिलकर तुम गिरा देना 
चाँद को मानकर प्रतीक ईद का ईद तुम मना लेना 
वो सूर्य को मानकर प्रतीक भगवन का साथ तुम्हारा दे देगा
जिस दिन मिलन हुआ सूर्य और चाँद का
उस दिन ईद और दीवाली साथ तुम मना लेना 
वो पढ़े जब नमाज तो तुम छाव वहाँ पर कर देना 
जब लगेगी चोट तुम्हे वो घाव तुम्हारे भर देगा 
वो पढ़ लेगा आयत तुम्हारे लिए भी
तुम गीता पाठ उसके लिए भी पढ़ लेना 
मिटाकर आपसी द्वेष भाव ईद तुम भी मना लेना
घोलने वाले जहर मजहबी को तमाचा आज तुम झड़ देना….

✍️✍️ नरेंद्र सिंह भाटी 
सुमेरपुर,पाली,राजस्थान

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