एक तुही हैं यार मेरा
खींच कर उतार देते है,
उम्र की चादर।
ये कंबख्त दोस्त कभी,
बूढ़ा होने नहीं देते।
दोस्तों से रिश्ता रखा
करु जनाब,
तबियत मस्त रहेगी
यह वो हकीम है,
जो अल्फाज़ से ,
इलाज कर दिया करते है।
एक तुही है यार मेरा |
एक व्यक्ति अपने सुख-दुःख, पसंद-नापसंद और हर तरह की बातें जिससे बांट सकते हैं वो हैं एक सच्चा मित्र हैं।हमें सच्चे मित्र कभी नही खोने चाहिए।हर एक व्यक्ति के जीवन में मित्रता का महत्व होता है।
अब में,अपने विषय को अंत करना चाहती इन पंक्तियों के साथ।
उम्र और ज़िन्दगी में बस फर्क
इतना है,
जो दोस्त के बिना बीती वो
उम्र है,
और जो दोस्त के साथ बीती वो
जिन्दगी है।