कारतूस हबीब तनवीर
कारतूस पाठ का सारांश
प्रस्तुत पाठ या एकांकी कारतूस लेखक या नाटककार हबीब तनवीर जी के द्वारा रचित है | यह पाठ एक ऐसे जांबाज़ के कारनामों का जिक्र है, जिसका लक्ष्य अंग्रेजों को इस देश से बाहर निकालना था | वह दिलेर और इतना निडर था कि, उसने अंग्रेजों की नींदें उड़ा रखी थी। नाटक के जो मुख्य पात्र हैं, वे कर्नल, लेफ्टिनेंट, सिपाही, सवार हैं | प्रस्तुत पाठ या नाटक के अनुसार, वजीर अली को गिरफ्तार करने अंग्रेजी सरकार ने कर्नल आलिंज को लेफ्टिनेंट और सिपाहियों के साथ जंगल में डेरा डालने का आदेश देता है। जंगल में डेरा डाले हुए उन्हें हफ्ते बीत गए परन्तु वे वजीर अली को पकड़ने में सफल न हुए। तत्पश्चात्, वजीर अली के कारनामें सुनकर उन्हें रॉबिनहुड की याद आ जाती थी। लेफ्टिनेंट के पूछने पर की शआदत अली कौन है कर्नल बताते हैं कि, शआदत अली आसिफउद्दौला का भाई है और वजीर अली का दुश्मन। क्योंकि आसिफउद्दौला के यहां लड़के की कोई उम्मीद नहीं थी परंतु वजीर अली के जन्म के कारण सआदत अली को अपनी मृत्यु का भय सताने लगा था | कर्नल बताते हैं कि सआदत अली, अंग्रेजों का दोस्त है और बहुत ही ऐश पसंद आदमी है। वह अंग्रेजों को अपनी आधी जायदाद और दस लाख रुपए नगद दे देता है, जिससे कि अंग्रेज और वह दोनों मजे करते हैं। लेफ्टिनेंट कहता है सुना है वजीर अली ने अफगानिस्तान के शासक को हिन्दुस्तान पर आक्रमण करने के लिए आमंत्रित किया है। कर्नल बताता है कि हिंदुस्तान पर आक्रमण करने के लिए सबसे पहले दावत टीपू सुल्तान ने दी, फिर वजीर अली ने और उसके बाद शमसुद्दौला ने भी उसे दिल्ली बुला लिया।
हबीब तनवीर |
शमसुद्दौला के बारे में कर्नल बताते हैं कि, बंगाल के नवाब का भाई है और बहुत ही खतरनाक आदमी है। इस तरह पूरे हिंदुस्तान में कंपनी के खिलाफ बगावत छिड़ गई। अगर यह बगावत कामयाब होती है तो रॉबर्ट क्लाइव ने बक्सर और प्लासी के युद्ध में जो भी हासिल किया था, वह लॉर्ड वेलेजली के शासनकाल में खो देगी। वजीर अली की आजादी अंग्रेजों के लिए खतरा थी इसलिए वह इसे किसी भी हाल में गिरफ्तार करना चाहते थे। कर्नल बताते हैं कि, पूरी फौज लेकर वह एक आदमी का पीछा कर रहे हैं और वह वर्षों से उनकी आंखों में धूल झोंक रहा है और इन्हीं जंगलों में घूम रहा है, पर किसी के हाथ में नहीं आ रहा है। कर्नल एक वकील के कत्ल का हिस्सा बताते हैं कि वजीर अली को पद से हटाने के बाद बनारस भेज दिया गया और तीन लाख सालाना बांध दिया गया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने वजीर अली को कलकत्ता तलब किया। जब वजीर अली वकील के पास गया जो कि बनारस में रहता था जब वजीर अली ने उसे शिकायत की थी गवर्नर जनरल उसे कोलकाता क्यों तड़प करता है तो वह शिकायत दर्ज करने की बजाय उसे बुरा भला कहने लगा । वजीर अली के दिल में तो वैसे भी अंग्रेजों के लिए नफरत कूट-कूट कर भरी थी, उसने खंजर से वकील का काम तमाम कर दिया। और वहां से आजमगढ़ की तरफ भाग गया। आजमगढ़ के शासक ने उसे अपनी हिफाजत में घागरा तक पहुंचा दिया और अब यह कारवां इन जंगलों में कब से भटक रहा है।
अब वजीर अली किसी भी तरह से नेपाल पहुंचना चाहता है और उसकी सोच होगी, अफगानी हमले का इंतजार करे और अपनी ताकत बढ़ाए। शहादत अली को हटाकर अवध पर खुद कब्जा करे और अंग्रेजों को हिंदुस्तान से निकाल दे। लेफ्टिनेंट को शंका होती है कि, कहीं वह नेपाल पहुंच गया हो तब?कर्नल उसे भरोसा जताते हुए बताते हैं कि अंग्रेजी और शहादत अली की फौज कब से उसका पीछा कर रही है और उस पर नजर रखे हुए हैं और उसे पता है कि वह इन्हीं जंगलों में है।
तभी एक सिपाही आकर कर्नल को बताता है कि दूर से धूल उड़ती दिखाई दे रही है। लगता है कोई काफिला चला आ रहा है। कर्नल सभी को चौकन्ना रहने का आदेश देता है। लेफ्टिनेंट और कर्नल देखते हैं कि केवल एक ही आदमी आ रहा है। कर्नल सिपाहियों से उस पर नजर रखने को कहता है। वह इंसान इजाजत लेकर कर्नल से मिलने अंदर जाता है और एकांत की मांग करता है। जिस पर कर्नल सिपाही और लेफ्टिनेंट को बाहर भेज देता है। वह कर्नल से कहता है कि, वजीर अली को पकड़ना बहुत मुश्किल है और वह कारतूस की मांग करता है। कर्नल उसे कारतूस दे देता है जब वह कारतूस लेकर जाने लगता है तब कर्नल उससे उसका नाम पूछता है | वह अपना नाम वजीर अली बताता है और कारतूस देने के कारण उसकी जान बख्शने की बात करता है। जब वह इंसान चला जाता है तब लेफ्टिनेंट के पूछने पर कि वह कौन था तब कर्नल दबी आवाज़ में खुद से कहता है, एक जांबाज सिपाही…||
हबीब तनवीर का जीवन परिचय
प्रस्तुत एकांकी के लेखक हबीब तनवीर साहब हैं | इनका जन्म जन्म 1923 में छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में हुआ था | इन्होंने 1944 में नागपुर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की | तत्पश्चात्, ब्रिटेन की नाटक अकादमी से नाट्य-लेखन का अध्ययन करने चले गए और फिर दिल्ली लौटकर पेशेवर नाट्यमंच की स्थापना की |
हबीब तनवीर जी नाटककार, कवि, पत्रकार, अभिनेता, नाट्य निर्देशक जैसे कई रूपों में ख्याति प्राप्त हैं | इन सबके अलावा लोकनाट्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण काम किया है | अनेक पुरस्कारों, फेलोशिप और पद्मश्री से सम्मानित हबीब तनवीर जी के प्रमुख नाटक हैं — चरनदास चोर, आगरा बाज़ार, देख रहे हैं नैन, हिरमा की अमर कहानी | इन सबके अलावा भी हबीब तनवीर जी ने शाजापुर की शांति बाई, मिट्टी की गाड़ी और मुद्राराक्षस आदि नाटकों का आधुनिक रूपांतर भी किया है…||
कारतूस पाठ के प्रश्न उत्तर
उत्तर- प्रस्तुत पाठ या एकांकी के अनुसार, कर्नल कांलिज का खेमा वज़ीर अली को गिरफ़्तार करने के उद्देश्य से जंगल में लगा हुआ था |
प्रश्न-2 वज़ीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, वज़ीर अली ने पिछले कई वर्षों से अंग्रेज़ों को धोखा देकर उनकी नाक में दम कर रखा था | इसलिए सिपाही वज़ीर अली से तंग आ चुके थे |
प्रश्न-3 सवार ने क्यों कहा कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है ?
उत्तर- सवार ने इसलिए कहा कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है, क्योंकि सवार स्वयं वज़ीर अली था, जो कि बहुत बहादुर था | वह दुश्मनों के काफ़िले में अकेला आकर खड़ा हुआ गया था |
प्रश्न-4 वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ या एकांकी के अनुसार, वज़ीर अली रॉबिनहुड की तरह ही साहसी और बहादुर था | वह भी अंग्रेज़ी सरकार की पकड़ में नहीं आ रहा था तथा रॉबिनहुड की तरह ही किसी को भी चकमा देकर भागने में कामयाब हो जाता था | इसलिए वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद आ जाती थी |
प्रश्न-5 सआदत अली कौन था ? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ या एकांकी के अनुसार, सआदत अली नवाब आसिफउदौला का भाई और वज़ीर अली का चाचा था | जब तक आसिफउदौला का कोई सन्तान नहीं था, तब तक सआदत अली को नवाब बनने की पूरी उम्मीद थी | इसलिए सआदत अली ने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत समझा |
प्रश्न-6 आदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का मकसद अवध की धन सम्पत्ति पर अधिकार जमाना था |
प्रश्न-7 कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वज़ीर अली ने अपनी हिफ़ाज़त कैसे की ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, कंपनी के वकील की हत्या करने के बाद वज़ीर अली ने अपनी हिफ़ाज़त आजमगढ़ भागकर किया | वहाँ के नवाब के द्वारा उसे सहायता मिली तथा वह घागरा पहुँचकर जंगलों में छिपकर रहने लगा |
प्रश्न-8 लेफ़्टीनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है ?
उत्तर- लेफ़्टीनेंट को ऐसा इसलिए लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है, क्योंकि जब लेफ़्टीनेंट को कर्नल ने बताया कि कंपनी के विरुद्ध सिर्फ वज़ीर अली ही नहीं बल्कि बंगाल में नवाब का भाई शमसुद्दौला, दक्षिण में टीपू सुल्तान भी है | इन लोगों ने अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहेज़मा को आक्रमण के लिए बुलावा भी भेजा है |
प्रश्न-9 वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ या एकांकी के अनुसार, जब वज़ीर अली को उसके नवाबी पद से हटाकर बनारस भेजा गया | तत्पश्चात्, कलकत्ता में वज़ीर अली ने कंपनी के वकील से शिकायत की तो उसने उल्टा उसे ही खरी-खोटी सुना दिया | इसी बात पर गुस्सा होकर वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल कर दिया |
प्रश्न-10 वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था, कैसे ? स्पष्ट कीजिए |
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के आधार पर हम कह सकते हैं कि वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था | अंग्रेजों के चालबाजी के पश्चात् अवध के तख्ते से हटने के बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी | अंग्रेज़ों के लाख कोशिशों के बाद भी वह उनके हाथ न आया |
वज़ीफे की रकम में हेरा-फेरी करने वाले कंपनी के वकील की भी हत्या कर दी | वज़ीर अली अंग्रेज़ों के इलाके में अकेला ही पहुँचकर अपना सही नाम भी बता दिया और वहाँ से कारतूस भी ले आया |
भाषा अध्ययन
प्रश्न-11 निम्नलिखित शब्दों का एक-एक पर्यायवाची शब्द लिखिए —
खिलाफ़, पाक, उम्मीद, हासिल, कामयाब, वजीफ़ा, नफ़रत, हमला, इंतेज़ार, मुमकिन |
उत्तर- पर्यायवाची शब्द –
• खिलाफ़ – विरूद्ध
• पाक – पवित्र
• उम्मीद – आशा
• हासिल – प्राप्त
• कामयाब – सफल
• वजीफ़ा – छात्रवृति
• नफ़रत – घृणा
• हमला – आक्रमण
• इंतेज़ार – प्रतीक्षा
• मुमकिन – संभव
प्रश्न-12 निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए —
आँखों में धूल झोंकना, कूट-कूट कर भरना, काम तमाम कर देना, जान बख्श देना, हक्का बक्का रह जाना |
उत्तर- मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग
• आँखों में धूल झोंकना — वह मेरी आँखों में धुल झोंककर मेरे खाते से पचास हजार रुपए निकाल ले गया |
• कूट-कूट कर भरना — उसके अंदर समझदारी कूट-कूट कर भरी है |
• काम तमाम कर देना — बिल्ली ने चूजे का काम तमाम कर दिया |
• जान बख्श देना — हे महाराज ! मेरी जान बख्श दो |
• हक्का-बक्का रह जाना — मैं वर्षों बाद उसे अपने सामने देखकर हक्का-बक्का रह गया |
प्रश्न-13 कारक वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध बताता है | निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को रेखांकित कर उनके नाम लिखिए —
(क) जंगल की ज़िंदगी बड़ी खतरनाक होती है |
(ख) कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई |
(ग) वज़ीर को उसके पद से हटा दिया गया |
(घ) फ़ौज के लिए कारतूस की आवश्यकता थी |
(ङ) सिपाही घोड़े पर सवार था |
उत्तर- रेखांकित कर उनके नाम –
• संबंध कारक
• संबंध कारक, अधिकरण कारक
• कर्म कारक, अपादान कारक
• सम्प्रदान कारक, संबंध कारक
• अधिकरण कारक |
प्रश्न-14 नीचे दिए गए वाक्यों में ‘ने’ लगाकर उन्हें दुबारा लिखिए —
(क) घोड़ा पानी पी रहा था।
(ख) बच्चे दशहरे का मेला देखने गए।
(ग) रॉबिनहुड गरीबों की मदद करता था।
(घ) देशभर के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे।
उत्तर- वाक्यों में ‘ने’ लगाकर –
(क) घोड़े ने पानी पिया |
(ख) बच्चों ने दशहरे का मेला देखा |
(ग) रॉबिनहुड ने गरीबों की मदद की |
(घ) देशभर के लोगों ने उसकी प्रशंसा की |
कारतूस पाठ के कठिन शब्द / शब्दार्थ
• काफ़िला – एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों का समूह
• शुब्हे – संदेह
• दिवार हमगोश दारद – दीवारों के भी कान होते हैं
• लावलश्कर – सेना का बड़ा समूह और युद्ध सामग्री
• खेमा – डेरा
• अफ़साने – कहानियाँ
• कारनामे – ऐसे काम जो याद रहें
• पैदाइश – जन्म
• तख़्त – सिंहासन
• मसलेहत – रहस्य
• ऐश पसंद – भोग विलास पसंद करने वाला
• जाँबाज़ – जान की बाज़ी लगाने वाला
• दमखम- शक्ति और दृढ़ता
• जाती तौर पर – व्यक्तिगत रूप से
• वज़ीफा – परवरिश के लिए दी जाने वाली राशि
• मुकर्रर – तय करना
• तलब किया – याद किया