गरीब से अमीर बनने की कहानी

गरीब से अमीर बनने की कहानी
The story of becoming rich from the poor 

वर्षों पहले की बात है .जानी वाकर नाम का एक युवक था .घर का खर्च चलाने के लिए उसने कई नौकरियां तलाशी लेकिन कभी भी उसे नौकरी नहीं मिली .अंत में बहुत कोशिशों के बाद उसे बम्बई में एक बस कंडक्टर की नौकरी मिल तो गयी पर घर का खर्चा उससे पूरा नहीं हो पाता था . 
जानी वाकर
जानी वाकर
फिर भी जानी वाकर अपने काम में लगा रहता था .उसमें एक ख़ास बात यह थी कि वह था बड़ा हँसमुख .वह लोगों की बड़ी बखूबी से हँसता था .लोग उसकी बड़ी तारीफ़ करते थे ,”इंसान हो  तो ऐसा जो अपने जीवन में सदैव मुस्कराता रहे और दूसरों को  भी हँसाता रहे . “
जानी वाकर के अन्दर अपने घर के खर्च को लेकर दिल में जो दुःख था उसे कोई नहीं जान पाता था और वह बस में बैठे सभी सवारियों को टिकट काटकर देता रहता .साथ में मजेदार चुटकुलों को अपनी मीठी बोली से सुनाता रहता जिससे लोग हँस – हंसकर लोटपोट हो जाते थे .ऐसे ही एक दिन जानी वाकर अपनी आदत के मुताबिक सवारियों को टिकट काटे जा रहा था और हँसाये जा रहा था .संयोग से उसी दिन बस में ,फिल्म बनाने वाले निर्माता और निर्देशक बैठे थे .उन दोनों को जानी वाकर की बातें व हास्य पद बहुत ही पसंद आये .उन दोनों के मन में आया अगर यह युवक फिल्मों में हास्य अभिनेता का रोल अदा करे ,तो निसंदेह फिल्म बहुत चलेगी . 
कुछ सोचने विचारने के बाद उन दोनों ने जानीवाकर से पूछा – “क्या तुम फिल्मों में काम करोगे ?”
यह पूछने पर जानी वाकर ने हाँ कर दी .देखते ही देखते जानी वाकर की दुनियाँ ही बदल गयी .उसे एक के बाद एक फिल्मों में काम करने का मौका मिलता गया और वे देशभर में एक हास्य अभिनेता के नाम से प्रसिद्ध हो गए .
जानी वाकर जी अब अमीर आदमी बन गए थे .जो लोग उसे बस में कल कंडक्टरी करते हुए देखते थे वही लोग आज उसे परदे पर देख रहे थे .उन्हें बड़ा आश्चर्य हो रहा था कि एक साधारण सा इंसान जो बस कंडक्टरी करता था आज वह मात्र अपनी छोटी से कला की वजह से दुनियाँ के महान व्यक्तियों में गिना जाने लगा . 
जानी वाकर ने अपनी जिंदगी में बहुत ही मेहनत और लगन से काम किया .उनके अन्दर वैसे तो बहुत गुण और कला थी लेकिन उनकी मुख्य कला यह थी कि वे लोगों को हँसाने में बहुत माहिर थे .इसी वजह से उन्हें सफलता भी मिली थी . 
आज जानी वाकर इस दुनियाँ में तो नहीं हैं लेकिन गरीबी से अमीरी की ओर जाने का एक पदचिन्ह वे अवश्य छोड़ गए .वह यह है कि अगर इंसान पढ़ा लिखा अच्छे स्वभाव वाला हो ,उसके अन्दर अच्छे सफल गुण हों तो वह मेहनत व लगन से काम करने वाला हो तो उसकी गरीबी अवश्य दूर हो सकती हैं . 

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