ज़िन्दगी एक किताब है
ज़िन्दगी एक किताब है ,
जो हर दिन एक नया पन्ना खोलती है
भाग दौड़ है और फुर्सत नहीं,
पर हर दिन एक नया रंग घोलती है,
बचपन से जवानी, जवानी से बुढ़ापा,
कितनी तेजी से दौड़ती है ,
कितनो ने साथ दिया, कितने छोड़ गए,
ये हर पल का हिसाब लेती है,
इसके फलसफे बड़े अजीब से है,
मिजाज जब तक अच्छा हे तो ठीक
नहीं तो धोके से साथ छोड़ती है !!
– हर्षा