टिकट अलबम कहानी

टिकट अलबम कहानी 

टिकट अलबम टिकट अलबम summary टिकट अलबम टिकट अलबम class 6 टिकट अलबम की कहानी टिकट अलबम mcq Ticket album टिकट-अलबम Hindi class 6 chapter 9  full explanation with question answer Hindi class 6 ticket album ticket album Hindi class 6 chapter 9 ticket album class 6 Hindi chapter 9 Hindi class 6 ticket album part ke question answer cbse hindi, class 6 QUESTIONS AND ANSWERS VASANT BHAG 1 ticket album class 6 ticket album story in hindi class 6 ticket album paath ke prashn uttar class 6 Hindi ticket album question answer टिकट एलबम class 6 Hindi ticket album टिकट अलबम क्वेश्चन आंसर टिकट अलबम का पाठ का सार


टिकट अलबम का पाठ का सार 

टिकट अलबम कहानी सुंदरा राम स्वामी जी द्वारा लिखी गयी एक बाल प्रद कहानी है। कहानी में राजप्पा नाम के एक लड़के के बारे में बताया गया है ,जिसे टिकट एलबम बनाने का शौक है। वह टिकट इकठ्ठा करने के लिए बहुत मेहनत करता था। स्कूल से घर लौटने पर वह मीलों पैदल चलाकर टिकट लाने जाता था। कभी कभी वह अपने दो टिकट देकर उनका एक टिकट लाता। इस प्रकार उसने एक भारी भरकम टिकट एलबम बना लिया था। जिसके कारण कक्षा में उसकी धाक जम गयी थी। लेकिन कहानी में बदलाव तब आया। जब कक्षा में ही पढने वाले नागराजन के मामा ने सिंगापूर से टिकट एलबम भेज दिया। वह बहुत ही सुन्दर एलबम था ,जिसे कक्षा में सभी लोगों ने पसंद किया। अब नागराजन की धाक जम गयी। इसके कारण राजप्पा को कोई पूछता ही नहीं था। राजप्पा ,नागराजन से चिढ़ने लगा। अब उसका मन,पढाई लिखाई में नहीं लगता था। कक्षा में सभी लोग उसे चिढ़ाने लगे ,जिससे उसका मन विद्यालय भी जाने को नहीं कहता था। 
राजप्पा ,एक दिन नागराजन के घर मिलने गया। घर पर नागराजन नहीं था। नागराजन की बहन ने बताया कि वह शहर गया हुआ है। अकेले कमरे में बैठे होने के कारण दराज में रखे हुए नागराजन के एलबम को राजप्पा ने चुरा लिया और कमीज के नीचे खोस कर घर भागा। शाम तक नागराजन और उसके सभी दोस्तों को खबर हो गयी है कि उसका एलबम चोरी हो गया है। एलबम लाकर राजप्पा ने अपने कमरे की आलमारी के पीछे छिपा दिया। वह बहुत डर गया था। उसे रात भर नींद नहीं आई। दूसरे दिन अप्पू ने बताया कि नागराजन की बहन बता रही है कि तुम्ही उसके कमरे में गए थे और सभी लोग तुम पर शक कर रहे हैं। उसके पिता पुलिस के दफ्तर में काम करते हैं। हो सकता है कि वे पुलिस की शिकायत करें। यह बातें सुनकर राजप्पा बहुत डर गया गया। अब हर आहट उसे पुलिस की लगने लगी। वह अम्मा के दरवाजा खटखटाने से डरने लगा। वह थक हार कर नागराजन ने एलबम को अंगीठी पर जला दिया। दूसरे दिन जब नागराजन ,उसके घर आया तो वह पश्चाताप से भरा हो के कारण अपना एलबम उसे सौंप दिया। नागराजन बार – बार मना करता रहा ,लेकिन राजप्पा नहीं माना और रोते रोते अपना एलबम उसे सौंप दिया। 

टिकट अलबम के क्वेश्चन आंसर  

कहानी से 
प्र. नागराजन ने अलबम के मुख्य पृष्ठ. पर क्या लिखा और क्यों ? इसका असर कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर क्या हुआ?

उ. नागराजन के एलबम पर उसके मामा ने उसका नाम लिखा था और साथ ही यह लिखा था कि इस एलबम को चुराने वाला बेशर्म है। यह अलबम नागराजन का है। जब तक घास हरी है और कमल लाल ,सूरज जब तक पूरब से उगे और पश्चिम में छिपे ,उस अनंत काल के लिए यह एलबम नागराजन का है और उसी का रहेगा। 
इस पंक्तियों को पढ़कर कक्षा के सभी छात्र – छात्राएँ बहुत आश्चर्यचकित हो गए और उन पंक्तियों को अपनी कापियों में उतारने लगे। इन पंक्तियों के लिखने का उद्देश्य यह था कि कोई नागराजन के एलबम को चुराए नहीं। 
प्र. नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा के मन की दशा क्या हुई?

टिकट अलबम कहानी
टिकट अलबम कहानी 
उ. नागराजन  के अलबम के हिट हो जाने के कारण ,अब कोई राजप्पा के एलबम को कोई नहीं पूछता था। अब कक्षा के छात्र राजप्पा को चिढ़ाने लगे और उसके एलबम को कूड़ा कहने लगे। जिससे वह कुढने लगा। अब उसका मन स्कूल जाने को नहीं कहता था। वह मेहनत को ही बेकार मानने लगा। वह पढाई  – लिखाई से ही मोह – भंग कर बैठा। 
प्र. अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था?

उ. अलबम चोरी के समय राजप्पा का दिन तेज़ी से धड़कने लगा। उसका पूरा शरीर जैसे जलने लगा था। गला सूख रहा था और चेहरा तमतमाने लगा था। घर पहुँचने पर रात में उसने कुछ खाना नहीं खाया। उसका चेहरा भयानक हो गया था। उसे नींद भी नहीं  आई। अंत में अलबम की तकिये के नीचे रखकर सो पाया। 
प्र. राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अँगीठी में क्यों डाल दिया?

उ. नागराजन के एलबम के चोरी होने के बाद ,राजप्पा के घर अप्पू आया। उसने बताया कि अंतिम बार तुम्ही उसके कमरे में गए थे। नागराजन के पिता ,पुलिस के दफ्तर में काम करते है और जल्द ही वे पुलिस में शिकायत करने वाले हैं। इन सब बातों का असर राजप्पा पर बहुत बुरी तरह हुआ। उसे हर पल पुलिस की आहट सुनाई देने लगी। अंत में उसने थक – हार कर अलबम को अंगीठी में जल रही आग के हवाले कर दिया।  
प्र. लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की?

उ. राजप्पा ,टिकट अलबम इकट्ठे करने में बहुत मेहनती था। वह छुट्टी के दिनों में मीलों पैदल चलकर टिकट इक्कठा करता था। कभी कभी वह अपने दो टिकट देकर बदले में एक टिकट प्राप्त करता था। जिस प्रकार मधुमक्खी एक एक बूँद शब्द इकठ्ठा करने के लिए बहुत मेहनत करती है। उसी प्रकार राजप्पा भी टिकट इकट्ठा करने में लगन में डटा रहता। 

टिकट अलबम के शब्दार्थ 

जमघट – जमाव 
टोली – मण्डली 
उत्सुक – इच्छुक 
चबेना – चबाकर खाने वाली खाद्य सामग्री 
फिसड्डी – काम में पीछे रह जाने वाला 
टीपना – नक़ल करने लिखना 
बघारना – पांडित्य दिखाने के लिए किसी विषय की चर्चा करना 
कोरस – एक साथ मिलकर गाना 
मशहूर – प्रसिद्ध 
खलना – अखरना 

You May Also Like