नई शिक्षा नीति पर निबंध

नई शिक्षा नीति पर निबंध 
Essay on New Education Policy in Hindi

नई शिक्षा नीति पर निबंध Essay on New Education Policy in Hindi national education policy pe essay essay in hindi aaj ki shiksha niti in hindi essay New Education Policy भारत की वर्तमान शिक्षा नीति पर निबंध – शिक्षा हमारे ज्ञान अनुभूति और संवेदनशीलता को विकसित करती है। यह हमारे शारीरिक ,मानसिक एवं संवेगात्मक  विकास का सर्वप्रथम साधन है। किसी भी राष्ट्र का भविष्य उसके शैक्षिक स्तर ,उसके शिक्षा प्रतिमानों ,शिक्षा प्रणाली ,राष्ट्र जीवन की आवश्यकता के अनुरूप शिक्षा के विभिन्न पक्षों ,आयोगों और उसके अपेक्षित क्रियान्वयन एवं परिणामों पर आधारित है। शिक्षा के आधार पर ही अनुसन्धान और विकास को बल मिलता है। इस प्रकार शिक्षा वर्तमान तथा भविष्य के निर्माण का अनुपम साधन है। शिक्षा के बिना नर अर्थात मनुष्य को पशु के समान कहा जाता है। देश की आजादी के बाद देश के प्रत्येक नागरिक को साक्षर बनाने का अभियान चलाया गया है।उसमें नयी शिक्षा नीतियों को जोड़ा गया है। 

लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति 

लार्ड मैकाले ने हमारे देश के लिए एक ऐसी शिक्षा निति प्रस्तुत की थी जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक ऐसे क्लर्क तैयार करना था ,जो कम वेतन लेकर प्रशासनिक कार्य कर सकें।वह शिक्षा प्रणाली पश्चिमी ढंग पर तैयार की गयी थी जिसमें अंग्रेजी भाषा और संस्कृति पर आधारित शिक्षा दी जाती थी।उस शिक्षा के बीच भारतीय सभ्यता ,संस्कृति और नैतिक मूल्यों से दूरी रखी गयी थी। 
नई शिक्षा नीति
नई शिक्षा नीति

इसका परिणाम यह हुआ है कि देश की अनेक पीढियां उस शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत शिक्षा प्राप्त कर अपनी संस्कृति एवं जीवन मूल्यों से दूर चली गयी। उस शिक्षा पद्धति से निकले लोग अंग्रेजी शासन की शक्ति प्रदान करने के साधन ही बन सके।यही कारण है कि हमारे देश भारत को शिक्षा की एक नयी प्रणाली की आवश्यकता महसूस हुई और उसके निर्माण के लिए एक नयी शिक्षा निति को शामिल करते हुए ,कुछ नए सुधार ऐसे किये गए जो भारत की सभ्यता व संस्कृति के अनुकूल हो। 

राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था

नवीन राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था के अनुसार पुरे देश में एक प्रकार की शैक्षिक संरचना के अंतर्गत १० + २+३ प्रणाली के रूप में स्वीकार किया गया।इस प्रणाली को केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड तथा इसी प्रकार की अन्य संस्थाओं के परामर्श पर स्वीकार किया गया था ,यह निति देश में विद्यार्थियों की शैक्षिक आवश्यकता की पूर्ति करती है। 
इस प्रणाली के अनुसार एक विद्यार्थी चौदह वर्ष के स्थान पर पन्द्रह वर्षों में स्नातक हो सकेगा। इसमें शिक्षा के व्यावसायिक प्रयोग पर बल दिया गया है और जो विद्यार्थी अच्छे परिणाम लाने में असमर्थ हैं वे आगे का अपना अध्ययन रोक कर स्वयं अपने छोटे छोटे उद्योग या व्यवसाय प्रारंभ कर सकते हैं। इस दिशा का प्रयास सफल रहा।शिक्षित नौजवानों के सामने इससे रोजगार का रास्ता खुलेगा।

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