नारी सहनशक्ति
रावण तो सब बन बैठे है
राम तो कोई बने बताओ
उच्च आदर्शो की बात तो करते
उन पर करके अमल बताओ
नारी की सहनशीलता |
शक्ति दात्री नारी सहमी
उसकी हर पीड़ा पर
कोई तो जाकर मरहम लगाओ
आगे आ अपनत्व दिखाओ
हर – पल, हर – क्षण सहती पीड़ा
अपने आप से द्वंद्व करती
कर्म – काण्ड तो तेरा होता
वह अपने आप को दोष देती
नारी तो सहन शक्ति है
हर पीड़ा दर्द को सह जाती है
तू तो एक मनुष्य है
तुझे जरा भी दया नही आती है
-रेणु शर्मा,
बाड़ा पदमपुरा,चाकसू,
जयपुर,राजस्थान