इंडियन विकिपीडिया » हिन्दी » भ्रष्टाचार – काका हाथरसी भ्रष्टाचार – काका हाथरसी Updated on October 6, 2023 by Indian Wikipedia Share Facebook Twitter Pinterest Linkedin WhatsApp राशन की दुकान पर, देख भयंकर भीर‘क्यू’ में धक्का मारकर, पहुँच गये बलवीरपहुँच गये बलवीर, ले लिया नंबर पहिलाखड़े रह गये निर्बल, बूढ़े, बच्चे, महिलाकहँ ‘काका’ कवि, करके बंद धरम का काँटालाला बोले – भागो, खत्म हो गया आटा Tags: kaka hathrasi, kaka hathrasi poems