महान संगीतज्ञ/ मुल्ला नसीरुद्दीन की कहानियाँ

मुल्ला नसीरुद्दीन

नसीरुद्दीन को गाना -बजाना सीखने का शौक हुआ था . उसने एक महान संगीतज्ञ के पास जाकर पूछा ,’आप वाद्ययन्त्र सिखाने का कितना लेते है ?
‘पहले महीने में तीन चाँदी की मुद्रा ,उसके बाद से हर महीने एक चाँदी की मुद्रा .’
‘अच्छी बात है ,तो फिर दूसरे महीने से ही शुरू करूँगा मैं .’ कहा नसीरुद्दीन ने .

मुल्ला नसरुद्दीन होजा तुर्की (और संभवतः सभी इस्लामी देशों
का) सबसे प्रसिद्द विनोद चरित्र है. तुर्की भाषा में होजा शब्द का अर्थ
है शिक्षक या स्कॉलर. उसकी चतुराई और वाकपटुता के किस्से संभवतः किसी
वास्तविक इमाम पर आधारित हैं. कहा जाता है की उसका जन्म वर्ष १२०८ में
तुर्की के होरतो नामक एक गाँव में हुआ था और वर्ष १२३७ में वह अक्सेहिर
नामक मध्यकालीन नगर में बस गया जहाँ हिजरी वर्ष ६८३ (ईसवी १२८५) में उसकी
मृत्यु हो गई. मुल्ला नसरुद्दीन के इर्दगिर्द लगभग ३५० कथाएँ और प्रसंग
घुमते हैं जिनमें से बहुतों की सत्यता संदिग्ध है.

सौजन्य
:- विकिपीडिया हिंदी 

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