मुल्ला नसरुद्दीन का चस्मा

मुल्ला नसीरुद्दीन

बीबी ने आधी रात को नसीरुद्दीन की नींद तोड़कर पूछा , बात क्या है ? चस्मा पहने क्यों सो रहे हो ?
मुल्ला ने नया चस्मा लिया था . खफा होकर बोला ‘चालीसवाँ लग चुका है , आँखे कमजोर हो गयी हैं ,चश्मे के बिना सपना कैसे देखूँगा ?’

मुल्ला नसरुद्दीन होजा तुर्की (और संभवतः सभी इस्लामी देशों का) सबसे प्रसिद्द विनोद चरित्र है. तुर्की भाषा में होजा शब्द का अर्थ है शिक्षक या स्कॉलर. उसकी चतुराई और वाकपटुता के किस्से संभवतः किसी वास्तविक इमाम पर आधारित हैं. कहा जाता है की उसका जन्म वर्ष १२०८ में तुर्की के होरतो नामक एक गाँव में हुआ था और वर्ष १२३७ में वह अक्सेहिर नामक मध्यकालीन नगर में बस गया जहाँ हिजरी वर्ष ६८३ (ईसवी १२८५) में उसकी मृत्यु हो गई. मुल्ला नसरुद्दीन के इर्दगिर्द लगभग ३५० कथाएँ और प्रसंग घुमते हैं जिनमें से बहुतों की सत्यता संदिग्ध है.

सौजन्य :- विकिपीडिया हिंदी 

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