किसी वस्तु, भाव या विचार के मूल रूप के साथ-साथ उसका विपरीत रूप भी होता है; जैसे यदि ‘सुख’ है तो उसके साथ ‘दुःख’ भी है। यदि ‘मीठा’ है तो उसके साथ ‘तीखा’ भी है।
‘विलोम’ शब्द का अर्थ है ‘उल्टा’ या ‘विपरीत’। किसी शब्द से प्रकट होने वाले अर्थ का विपरीत अर्थ प्रकट करने वाले शब्द को ‘विलोम शब्द’ कहते हैं, जैसे ‘जन्म’ शब्द का विलोम शब्द ‘मृत्यु’ होगा। यहाँ यह भी ध्यान रखने की बात है कि दो विलोम शब्द एक-दूसरे का विलोम होते हैं, जैसे यदि ‘जन्म’ का विलोम शब्द ‘मृत्यु’ है तो ‘मृत्यु’ शब्द का विलोम शब्द ‘जन्म’ होगा।
विलोम शब्दों के निर्धारण के दौरान यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि संज्ञा शब्द का विलोम संज्ञा शब्द ही होगा विशेषण शब्द नहीं, जैसे ‘आग’ शब्द का विलोम ‘पानी’ होगा। अब ‘आग’ शब्द से जलने का भाव प्रकट हो रहा है तो उसका विलोम ‘शीतलता’ नहीं हो सकता। इसी प्रकार विशेषण शब्दों का विलोम विशेषण ही होगा संज्ञा नही।
- आलोक- अंधकार
- आयात- निर्यात
- इष्ट- अनिष्ट
- इच्छा- अनिच्छा
- ईश्वर- अनीश्वर
- उन्नति- अवनति
- उत्तीर्ण- अनुत्तीर्ण
- उपकार- अपकार
- उत्कृष्ट- निकृष्ट
- उतार- चढ़ाव
- उचित- अनुचित
- अभ्यंतर- बाह्य
- उपयोगी- अनुपयोगी
- एकत्र- सर्वत्र
- एकांगी- सर्वांगी
- एक- अनेक
- ऐच्छिक- अनैच्छिक
- कठोर- मुलायम
- मान- अपमान
- आशा- निराशा
- आवश्यक- अनावश्यक
- आकाश- पाताल
- आदि- अंत
- आय- व्यय
- आकर्षण- विकर्षण
- आज्ञा- अवज्ञा
- आस्तिक- नास्तिक
- आदान- प्रदान
- आदर- निरादर
- आग- पानी
- अनुरक्ति- विरक्ति
- अनुराग- विराग
- अमीर- गरीब
- अर्थ- अनर्थ
- अस्त- उदय
- अनुकूल- प्रतिकूल
- अपेक्षा- उपेक्षा