ह्रस्व स्वर – Hrasva Swar: हिन्दी व्याकरण

Hrasva Swar

ह्रस्व स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं।

ह्रस्व स्वर की संख्या

  • ह्रस्व स्वर पांच हैं- अ, इ, उ, ऋ, लृ 
  • इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।

ह्रस्व स्वर: जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। यह चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं। दीर्घ स्वर– जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।

You May Also Like

Kavya Me Ras

काव्य में रस – परिभाषा, अर्थ, अवधारणा, महत्व, नवरस, रस सिद्धांत

काव्य सौन्दर्य – Kavya Saundarya ke tatva

काव्य सौन्दर्य – Kavya Saundarya ke tatva

भारत के वायसराय-Viceroy of India

भारत के वायसराय-Viceroy of India