Grammar ग्रामर व्याकरण
Grammar ग्रामर व्याकरण – किसी भी भाषा को सीखने के लिए उस भाषा के व्याकरण Grammar की जानकारी होना बहुत आवश्यक है .भाषा के व्याकरण की सहायता से ही भाषा को शुद्ध रूप में लिखा जाता है .व्याकरण में भाषा के आवश्यक नियम होते हैं .व्याकरण ही वह विज्ञान है जो भाषा को सही रूप देता है .भाषा के व्याकरण से हमें इस बात का ज्ञान होता है कि अपनी बात को दूसरे को प्रकट करने के लिए किस प्रकार शब्दों को प्रयोग किया जाता है .अंग्रेजी भाषा सीखने के लिए उसकी ग्रामर के विषय में जानकारी होना आवश्यक है .
Word (शब्द )- Vowels और Consonants (स्वर और व्यंजन ) के मिलने से Word बनता है या हम कह सकते हैं कि कई अक्षरों के ठीक प्रकार से मिलने पर Word बनता है .जैसे – Boy,Pen से सही क्रम से शब्द समूह मिलने पर ही कोई शब्द बनता है ,जिसका अर्थ होता है लड़का ,कलम लेकिन यदि हम Yob या enp लिखते हैं तो उसका कोई अर्थ नहीं निकलता है .
Word को नियमानुसार लिखने से Phrase (प्रेज ) पद एवं Sentence वाक्य बनते हैं।Word वर्ड में आठ प्रकार के होते हैं ,जिन्हें Parts of speech पार्ट ऑफ़ स्पीच कथन के भेद कहते हैं . जिनका विवरण निम्नलिखित हैं –
- Noun – संज्ञा
- Pronoun – सर्वनाम
- Adjective – विशेषण
- Verb – क्रिया
- Adverb – क्रिया विशेषण
- Preposition – सम्बन्ध सूचक अव्यय
- Conjunction – संयोजक
- Interjection – विस्मयादिबोधक