हम क्यों उदास
हम क्यों ?
भींगे से
खड़े
यहाँ उदास
हरित घास प्रफुल्लित
पत्तियाँ पीपल की
मस्तमौला
गमले में खिले गुलाब
आँगन में
थिरकती किरणें I
हवा
झकझोर तरु को
खिलखिलाती
फिर क्यों ?
हम हैं उदास
चेहरा मुरझाए
सजाए
मटमैला ठिठुरा
जमा हुआ सा
खामोश
फीका फीका I
रचनाकार परिचय – नाम- अशोक बाबू माहौर
जन्म -10 /01 /1985
साहित्य लेखन -हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में संलग्न
प्रकाशित साहित्य-विभिन्न पत्रिकाओं जैसे -स्वर्गविभा ,अनहदकृति ,सहित्यकुंज ,Indian Wikipedia ,साहित्य शिल्पी ,पुरवाई ,रचनाकार ,पूर्वाभास,वेबदुनिया आदि पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित I
साहित्य सम्मान -इ पत्रिका अनहदकृति की ओर से विशेष मान्यता सम्मान २०१४-१५ से अलंकृति I
अभिरुचि -साहित्य लेखन ,किताबें पढ़ना
संपर्क-ग्राम-कदमन का पुरा, तहसील-अम्बाह ,जिला-मुरैना (म.प्र.)476111
ईमेल-ashokbabu.mahour@gmail.com8802706980