हम नन्हे नन्हे बच्चे हैं

हम नन्हे नन्हे बच्चे हैं

हम नन्हे नन्हे बच्चे हैं,
नादान उमर के कच्चे हैं,

हम नन्हे नन्हे बच्चे हैं

पर अपनी धुन के सच्चे हैं.
जननी की जय जय गाएँगे,
भारत की ध्वजा उड़ाएँगे.

अपना पथ कभी न छोड़ेंगे,
अपना प्रण कभी न तोड़ेंगे,
हिम्मत से नाता जोड़ेंगे.
हम हिमगिरि पर चढ़ जाएँगे,
भारत की ध्वजा उड़ाएँगे.

हम भय से कभी न डोलेंगे,
अपनी ताकत को तोलेंगे,
जननी की जय जय बोलेंगे .
अपना सिर भेंट चढ़ाएंगे ,
भारत की ध्वजा उड़ाएँगे.




– सोहनलाल द्विवेदी 

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