हरि नाम जपो हरि नाम जपो

हरि नाम जपो हरि नाम जपो 
Hari Naam Japo Hari Naam Japo

हरि नाम जपो हरि नाम जपो ,
हरि नाम जपो ,नहीं कोई अपना ..
हरि नाम राम रटले रसना ,

हरि नाम जपो
हरि नाम जपो

निस्सार जगत में और हैं कुछ ना ..
यह सोच राम भज रेन दिना,
हरि नाम जपो नहीं कोई अपना ,
जो भव सागर चाहो तरना ,
एक राम नाम चित्त में धरना ..
अनमोल स्वास न कभी खोना ,
हरि नाम जपो नहीं कोई अपना ..
इन तन का मोह नहीं करना ,
यह एक दिन रज में मिलना ..
चित्त में हरि चरण ध्यान धरना ,
हरि नाम जपो नहीं कोई अपना.
बस चार दिन जग में रहना ,
फिर अपने निजी देश चलना ..
अब वाद – विवाद नहीं करना ..
सब कर्म – अकर्म तो कुछ करना ,
सब अपने प्रभु को भेंट करना ..
फिर यम के त्रास से नहीं डरना ,
हरि नाम जपो कोई नहीं अपना..
सुखदायक हैं तो ये श्री चरना ,
फलदायक हैं तो ये श्री चरणा ..
कर जोड़ के विनती करूँ कृष्णा ,
हरि नाम जपो नहीं कोई अपना ..

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