हर कोई हसीन ख्वाब देखता सरकारी नौकरी का
हर कोई हसीन ख्वाब देखता
सरकारी नौकरी पाने का
एक सरकारी नौकरी मिल जाए
ताकि बिना मेहनत का
अवैध कमाई से सम्पन्न हो जाए!
चाहे प्रतिभा हो या ना हो
जुगाड़ से ही सही नौकरी सरकारी होनी चाहिए
ताकि कामचोरी करके वेतन पाए
लोगों में रोब दाब गांठा जाए
भरपूर घूसखोरी की कमाई घर में आए!
अगर नौकरी हो राज्य सरकार की
तो बिना रिश्वत के कलम घिसाई नहीं होती!
अगर बन गए राज्य सरकार के स्कूल टीचर
तो समझो गरीब छात्रों के बिगड़ गए फ्यूचर
सरकारी टीचर के लिए मेधावी होना योग्यता नहीं है
भले थर्ड डिवीजन का हो मगर कहीं से
जुगाड़ू टीचर्स ट्रेनिंग सर्टिफिकेट होना चाहिए
फिर तो सरकारी शिक्षक की नौकरी मिल जाए
मजे का वेतन पाए,
बिना पढ़ाए रह रहकर खैनी जरूर रटाए
और घर में बैठे बिठाए मोटी तनख्वाह पाए!
अगर नौकरी हो बिजली विभाग की
फ्री में बिजली जलाओ घर छप्पर पर,
अगर नौकरी हो पी डब्ल्यू डी, जैसे विभाग में
तो सरकारी पैसा कमीशन में मिल जाए!
उसमें तो अलग किस्म का मजा है जी
कम्बल ओढ़कर घी पीते केन्द्रीय वर्कर भी!
अगर नौकरी लग गई हो रेलवे की
तो उनसे सीधे मुंह कुछ बोला नहीं जाए
भोले भाले यात्री को काउंटर से हड़काए
अगर कोई टी टी ई बन जाए
तो समझिए पूरे रेल उनकी बपौती हो जाए!
अगर नौकरी हो डाकघर की
डाक-बाबू खरकाना स्वभाव का बन जाए
बिना घूस के मीठी बातें कभी नहीं बतियाए!
अगर पुलिस की नौकरी लग जाए
सबको गाली गलौज करने में ट्रेंड हो जाए
सात जन्मों की कमाई एक जन्म में कमाए!
कुछ अपवाद को छोड़कर
आज सरकारी नौकर से जनता रिसियाए
सरकार को चाहिए घूस नहीं लेने की
सौगंध खिलाकर भ्रष्टाचार मिटाए
योग्य ईमानदार को सरकारी नौकरी दिया जाए!
हर विभाग में एक पद हो ऐसा
पूर्ण ईमानदार हो; जो घूम घूमकर
सबके चरित्र की गोपनीय रपट बनाए!
– विनय कुमार विनायक,
दुमका, झारखण्ड-814101.