सस्ते का चक्कर एकांकी सूर्यबाला
सस्ते का चक्कर एकांकी का सारांश
प्रस्तुत पाठ सस्ते का चक्कर लेखक सूर्यबाला जी के द्वारा लिखित है। यह एक एकांकी के रूप में लिखा गया है सूर्य बाला जी इस एकांकी में बहुत अच्छी सिख देते हैं कि हमें कभी सस्ते समान के लालच में नहीं पड़ना चाहिए, नहीं तो खुद पर ही मुसीबत आ जाती है। ना ही नरेंद्र सस्ती लाली पॉप खाने जाता ना ही वह मुसीबत में पड़ता | नरेंद्र सस्ती लालीपॉप के लालच में मौत के मुँह में चला जाता है। इस एकांकी में लेखक ने दोस्ती की महत्ता को भी बताया है कि कैसे एक सच्चे मित्र बुरे वक्त में अपनी जान तक जोखिम में डालकर अपने मित्र का जान बचाते हैं, वहीं एक मतलबी दोस्त मुसीबत देखकर भाग खड़ा होता है |
नरेंद्र और अजय एक ही स्कूल में पढ़ते हैं | नरेन्द्र मोटा तगड़ा रहता है और अजय पतला-दुबला होता है | दोनों बहुत अच्छे दोस्त रहते हैं | अजय पढाई में बहुत होशियार और मेहनती होता है | पढाई के साथ-साथ स्कूल के अन्य कार्यक्रमों में भी अजय भाग लेता है, लेकिन नरेन्द्र बहुत अालसी होता है | पढ़ाई-लिखाई में उसका बिल्कुल ध्यान नहीं रहता है । बस खाने पीने की चीजों में वह मग्न रहता है |
सस्ते का चक्कर एकांकी |
एक दिन अजय शिक्षक से जल्दी छुट्टी लेकर घर जाने के लिए स्कूल से बाहर निकलकर रिक्शा का इंतजार करते रहता है | वही नरेन्द्र भी खड़ा रहता है चूरन चुस्की खाते हुए | वहीं एक इंसान लालीपॉप बेच रहा होता है | पचास पैसों में तीन लॉलीपॉप चिल्लता हुआ वहाँ से गुजरता है । नरेन्द्र को लगता है कि लालीपॉप तो बहुत सस्ता है | वह लालच में आ जाता है और अपने दोस्त अजय से पैसे माँगता है, अजय मुझे लालीपॉप के लिये पैसे उधार दे दो | लेकिन अजय के पास केवल रिक्शा का पैसा होता है | घर जाने के लिए तो नरेन्द्र बोलता है, मेरे पास स्कूल का फीस है उससे मैं ले लेता हूँ | मेरे सारे पैसे चूरन, चुस्की और आइसक्रीम खाने में खत्म हो गए हैं तो तुम मुझे अपने रिक्शे में घर ले चलना | तभी अजय नरेंद्र को समझाते हुए कहता है कि देखो नरेंद्र इस तरह फीस के पैसे खर्च करना ठीक नहीं है और इस लालीपॉप वाले से लालीपॉप लेना ठीक नहीं | क्या पता कहाँ से चुराकर लाया है या खराब समान सस्ते में बेच रहा होगा। लेकिन नरेन्द्र अजय की बात का विरोध करते हुए चला जाता है | ये कहते हुए की तुम यहीं रुकना मैं अभी आता हूँ। बहुत देर तक अजय इंतजार करता है | इतने में स्कूल की छुट्टी हो जाती है। सामने से तीन लड़के अजय के पास आकर पूछते हैं कि अजय तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? तुम तो आज जल्दी आ गए थे माँ की तबियत ख़राब है कहकर अभी तक घर नहीं गए। अजय बोलता है मैं नरेंद्र का इंतजार कर रहा हूँ तभी दूसरा लड़का बोलता है क्या नरेंद्र ! उसे तो मैं आम के बागीचे की ओर जाते हुए देखा। किसी के पीछे-पीछे जा रहा था। अजय घबरा जाता है कहीं वो किसी मुसीबत में ना हो उन लड़कों को वहाँ जाने के लिए कहता है, लेकिन वो लोग मना कर देते हैं और अजय से कहते हैं कि तुम उसे जानते नही हों उसके फेर में मत पड़ो घर जाओ । इतना कहकर वे सब चले जाते हैं।
अब अजय खुद ही हिम्मत जुटा कर आम के बगीचे की ओर जाता है। इधर नरेंद्र की माँ अजय के माँ के पास जाती है | अजय की माँ लेटी रहती है, उसका तबियत ठीक नहीं रहता है | नरेन्द्र की माँ रेखा अजय के बारे में पूछते हुए कहती है क्या अजय घर आ गया नरेन्द्र अभी तक नहीं आया है | बहुत देर हो चुकी मुझे डर लगता है क्योंकि नरेंद्र बहुत शरारती है। तभी अजय की माँ बोलती है अजय भी नहीं आया है, सुबह कह रहा था जल्दी आ जाऊँगा लेकिन नहीं आया है | तुम चिंता मत करो मेरा बेटा भी तो साथ है, मुझे विश्वास है मेरे बेटे पर | वो दोनों आ जाएंगे लेकिन रेखा नहीं मानती और खोजने जाने को कहती है तो अजय की माँ भी उठ जाती है जाने के लिए | रेखा जैसे ही रिक्शा रूकवाने के लिए बाहर जाती है तो एक गाड़ी रुकती है जिसमें दोनों उतरते हैं | रेखा देख कर बहुत खुश हो जाती है लेकिन साथ में पुलिस वाले भी आये हुये हैं | पुलिस वाले पूछते हैं कि अजय की माँ कौन है ? अजय की माँ जवाब देती है मैं उसकी माँ हूँ, लेकिन बात क्या है साहब ? तभी पुलिस वाला गर्व से बोलता है कि आपके बेटे ने बहुत हिम्मत और साहस का काम किया है | बच्चों को अगवाह करने वाले समूह को भी पकड़वा दिया और अपने दोस्त नरेंद्र की जान भी बचाई | बहुत ही बहादुरी का काम किया है इसने। और इस काम के लिए अजय को साहसी बालक का इनाम भी मिलेगा मुख्यमंत्री के द्वारा | ये कहकर पुलिस वाला एक बार फिर अजय की पीठ थपथपाता है और वहाँ से चला जाता। लेखक कहते हैं कि अजय ने साहस और बहादुरी से दोस्त को बचा लिया। इस एकांकी से यही सिख मिलती है कि हमे सस्ते समान के लालच में नहीं आना चाहिए नहीं तो वह हमारे लिए मुसीबत भी बन सकती है। हमेशा सतर्क और सचेत रहना चाहिए…||
सस्ते का चक्कर एकांकी के प्रश्न उत्तर
प्रश्न-1 नरेंद्र के सारे पैसे क्यों ख़त्म हो गए ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, नरेंद्र के सारे पैसे चूरन, चुस्की और आइसक्रीम लेकर खाने में खर्च हो गए |
प्रश्न-2 अजय ने नरेंद्र को क्या और क्यों समझाया ?
उत्तर- अजय ने समझाया कि नरेंद्र तू हमेशा बिना सोचे समझे काम करता है। मेरी बात मान इस आदमी से लाली पॉप लेना ठीक नहीं है | या तो इसे चुराकर लाया है या नुकसानदेह माल कहीं से उठा लाया है। तभी इतने सस्ते में बेच रहा है। अजय ने इसलिए ऐसा समझाया की नरेंद्र कोई मुसीबत में न पड़ जाए |
प्रश्न-3 अजय के अन्य दोस्तों ने नरेंद्र के बारे में क्या कहा और क्यों ?
उत्तर- अजय के अन्य दोस्तों ने अजय से नरेन्द्र के बारे में कहा कि अरे तू नरेंद्र को जानता नहीं है, उसके फेरे में मत पड़, नहीं तो अपनी भी शामत आई समझ जा | उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि नरेंद्र पढ़ाई करने के बजाय क्लास से बाहर रहता था और हमेशा खाने-पीने की सोचता रहता था |
सूर्यबाला |
प्रश्न-4 अगर नरेन्द्र के पास फ़ीस के पैसे न होते, तो क्या होता ?
उत्तर- अगर नरेन्द्र के पास फीस के पैसे नहीं होते तो नरेन्द्र उस सस्ती लाली पॉप के लालच में लालीपॉप वाले के पास लेने नहीं जाता |
प्रश्न-5 अगर नरेंद्र अजय की यह बात मान लेता कि इस आदमी से लाली पॉप लेना बिल्कुल ठीक नहीं, तो क्या होता ?
उत्तर- अगर नरेंद्र अजय की बात मान लेता तो वह बच्चा चोरी करने वाला बदमाश नरेन्द्र को उठाकर नहीं ले जाता | नरेन्द्र इतनी बड़ी मुसीबत में नहीं फंसता |
प्रश्न-6 अगर अजय तीसरे लड़के की यह बात मान लेता कि “अरे तू घर जा नरेंद्र को जानता नहीं” — तो क्या होता ?
प्रश्न-7 अगर नरेंद्र की मुलाकात छुट्टी के बाद अजय से नहीं होती, तो क्या होता ?
उत्तर- अगर नरेंद्र की मुलाकात छुट्टी के बाद अजय से नहीं होती तो शायद नरेंद्र लालच में आकर चला जाता और उसे बदमाश ले जाते |
प्रश्न-8 “नरेंद्र ज़रा शरारती है न इसी से डर लग रहा है।”
(क) नरेंद्र की माँ रेखा अजय की माँ से ऐसा क्यों कहती है?
उत्तर- क्योंकि नरेन्द्र बहुत शरारती, झूठा और बदमाश है | उसे पूरे दिन बस खाने-पीने का ही सुझता रहता है और पैसे खर्च करते रहता है | इसलिए नरेन्द्र की माँ रेखा अजय की माँ से ऐसा कहती है |
(ख) नरेंद्र में ऐसा कौन-सा गुण होता जिससे उसकी माँ नहीं डरती और अजय की माँ से यह नहीं कहती कि नरेंद्र ज़रा शरारती है।
उत्तर- अगर नरेन्द्र समय पर घर आ जाता, कभी झूठ नहीं बोलता, बदमाशी नहीं करता, बिना काम पैसे खर्च नहीं करता तो नरेंद्र की माँ नहीं डरती और अजय की माँ से यह नहीं कहती कि नरेंद्र शरारती है |
(ग) “घबराइए नहीं, रेखा जी–देखिए मेरा बेटा भी तो है लेकिन अजय पर तो मुझे पूरा विश्वास है” अजय की माँ नरेंद्र की माँ से ऐसा क्यों कहती है ?
उत्तर- अजय बदमाशी नहीं करता था | वह बहुत समझदार भी था | अजय की माँ को अजय पर पूरा भरोसा था और अजय नरेंद्र का बहुत ख्याल भी रखता था | अजय बहुत साहसी और ईमानदार भी था, इसलिए अजय की माँ नरेन्द्र की माँ से कहती है कि आप चिंता न करो मेरा बेटा भी तो साथ है |
प्रश्न-9 नीचे तालिका दी गई है। पता करो कि खाने की उन चीज़ों में कौन से पोषक तत्व होते हैं। उसे तालिका में लिखो।
उत्तर-पोषक तत्व –
• पालक — प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम
• गाजर — आयरन, विटामिन, खनिज
• दूध — प्रोटीन, विटामिन
• संतरा — विटामिन सी
• दालें — प्रोटिन
प्रश्न-10 नीचे कुछ वाक्य दिए गए हैं जिनमें उपयुक्त मुहावरे भरने से ही वह पूरा हो सकता है। उन्हें पूरा करने के लिए मुहावरे भी दिए गए हैं। तुम सही मुहावरे से वाक्य पूरे करो –
(क) चोर ……………. घर में घुस आया।
(ख) देर से आने पर मम्मी ……………. गईं।
(ग) सरसराहट की आवाज़ सुनकर अजय……….।
(घ) ऊधम मचाने पर बच्चों की …………….।
(ङ) नरेंद्र की जान बचाने पर उसकी मम्मी ने अजय
की ………..।
उत्तर- सही मुहावरे से वाक्य –
(क) चोर दबे पाँव घर में घुस आया |
(ख) देर से आने पर मम्मी आग बबूला हो गईं |
(ग) सरसराहट की आवाज़ सुनकर अजय सकपकाया |
(घ) ऊधम मचाने पर बच्चों की शामत आ गई |
(ङ) नरेंद्र की जान बचाने पर उसकी मम्मी ने अजय की पीठ ठोकी |
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सस्ते का चक्कर एकांकी से संबंधित शब्दार्थ
• लटके भरी – नाटकीय ढ़ंग की आवाज
• चूरन – खट्टे-मिठे पदार्थो का खाने योग्य चूर्ण
• तबियत – स्वास्थ
• मशक्कत – मेहनत
• शामत – आफत, मुसीबत
• जलसा – समारोह |