कविता “पाहुड दोहा” का मुख्य संदेश है कि जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए साधारण संस्कृति का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कविता एक पाहुड़ (पहाड़) की अवधारणा के माध्यम से जीवन के मूल्यों और साधारणता की महत्ता को बताती है।
‘पाहुड दोहा’ कृति के कृतिकार कौन हैं?
- धनपाल
- देवसेन
- आचार्य हेमचन्द्र
- मुनि रामसिंह जैन
उत्तर- 4
मध्यकाल के प्रसिद्ध मुनि रामसिंह का पाहुड दोहा अपभ्रंश की एक महत्वपूर्ण कृति है। उसमें वे सभी प्रवृत्तियां मौजूद थीं, जो आगे चलकर हिन्दी के निर्गुणकाव्य की विशेषता बनीं। उनमें रहस्यवाद प्रमुख है।
पाहुड एक साधारण संस्कृतीचा विचार करा,
मन जे उधळेल ते स्वर्ग व्हायचं ध्येय ठरा।
सगळंच सापडंय एकटं जिथे सजीव जलचं जीवन,
ज्याचं अर्थ आहे तो आपलंच पुरुषार्थ,
त्याचं आश्रय घ्या तुमचं मन।
जीवनाचं पाहुड दोहा होणार,
मिळविलेलं आनंदाचं माहेरचं नातं व्हावंरचं अश्याचं आकार।
धैर्यानं भरलेलं असेल ज्यानं या पाहुडाचं संचय,
त्यात आपलं अनुभवाचं असंच भरार नाही संक्षय।
यात्रेला जी विचारायचं तो असंच निश्चित,
पाहुडाचं शिखर सापडायचं तो आपल्या असलेल्या मार्गाचं निर्धारित।
तरंगांचं खेळ जसं समुंदराचं असंच स्वतंत्र भाव,
तूच आपलं पाहुड उभं कर, नाही जातं तुझं शक्तीचं कोणतं विचार?
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पाहुड एक साधारण संस्कृति का विचार कर,
मन जो उधड़ेल तो स्वर्ग वहां ध्येय ठहरा।
सब कुछ पाया एक जगह, जहां सजीव जल जीवन,
जिसका अर्थ है आपका पुरुषार्थ, उसे आश्रय बनाएं तुम अपने मन।
जीवन का पाहुड धोंए में होना चाहिए,
पाया गया आनंद उस माहेरी रिश्ते में वही बनाएं तुम आकार।
धैर्य से भरा वही हो जिसमें यह पाहुड़ का संचय,
तभी आपका अनुभव बनेगा संक्षय और भर देगा जीवन को माया।
यात्रा में जो विचार यही हो निश्चित,
पाहुड़ के शिखर को पाने को अपने वाले मार्ग को ही निर्धारित।
तरंगों का खेल जैसे समुंद्र का वह स्वतंत्र भाव,
तू ही अपना पाहुड़ उभार, तुझमें है तेरी शक्ति कौनता विचार?
जगाने का धैर्य तो तेरा जन्मधर्म बन जाएगा,
पाहुड़ उभार के ऐसा तू अपने जीवन यात्रे को सुंदर बनाएगा।
पाहुड़ दोहा का अर्थांतर संक्षेप में निम्नलिखित है:
- जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मनिर्भर बनें, आपके पुरुषार्थ पर ध्यान केंद्रित करें और आत्मविश्वास रखें।
- जीवन के सभी अनुभवों को स्वीकार करें और उन्हें जीवन के मूल्यपूर्ण सुखों में परिवर्तित करें।
- समस्याओं और चुनौतियों का सामना करने के लिए धैर्य और सहनशीलता रखें। यह आपको जीवन में आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करेगा।
- अपने लक्ष्य को निश्चित करें और उसे प्राप्त करने के लिए समर्पित रहें।
यह कविता जीवन के संघर्षों को सहन करने, सकारात्मक दृष्टिकोन को अपनाने, धैर्य और समर्पण का महत्त्व समझाने के लिए एक प्रेरक संदेश देती है। यह जीवन को एक समर्थन प्रक्रिया के रूप में देखती है, जिसे समझकर हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।