पुस्तकें जो अमर हैं – मनोज दास
पुस्तकें जो अमर हैं पाठ का सारांश
प्रस्तुत पाठ में कहानीकार मनोजदास जी ने पुस्तकों के बारे में बताया है। उनका कहना है कि लगभग दो हज़ार साल पहले सी हांग ती नाम का एक चीनी सम्राट था ,जिसे पुस्तकें पढना पसंद नहीं था। यही कारण है कि उसने अपने सैनिको से राज्य भर की पुस्तकें जलाने का आदेश दिया। इसके बाद राजा के सैनिक आज्ञा का पालन करते हुए ढेर सारी पुस्तकों को होलिकादहन कर दिया। यदि किसी ने पुस्तकें देने से इनकार किया तो राज्यज्ञा से उसे दीवारों में चुनवा दिया गया।
कई वर्षों बाद सम्राट की मृत्यु के पश्चात ,जिन पुस्तकों को जलाया गया था ,अब वे नए रंग रूप में प्रकट होने लगी। महान दार्शनिक कांफुसियास की रचनाएं भी ,जिसे दुनिया भर में लोग आज भी पढ़ते हैं। लेखक कहता है कि किताबों को नष्ट करने का एकमात्र उदाहरण सिर्फ चीन में ही नहीं बल्कि नालंदा विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध विद्वान ह्वेनसांग को एक रात सपना आया कि विश्वविद्यालय का सुन्दर भवन कहीं गायब हो गयी है और वहाँ भैसे बढ़ी हुई है। यह सपना बहुत जल्द ही सच हो गया ,जब आक्रमणकारियों ने विश्वविद्यालय के तीन विभागों को जलाकर राखकर कर दिया। प्राचीन नगर सिकंदरिया में भी एक बड़ा पुस्तकालय था ,वहां पर अनेक पांडुलिपियां थी। वहां पर सातवीं शताब्दी में जानबूझकर जलाकर दिया गया। इसका कारण आक्रमणकारियों ने यह बताया कि उनके धर्म पुस्तक के आगे कुछ पढने की आवश्यकता नहीं है। धर्म पुस्तक में वे बातें सब पहले से ही लिखी हुई है। लेखक का कहना है कि कई बार विद्या और ज्ञान के शत्रुओं ने पुस्तकों को नष्ट किया। जिन पुस्तकों को नष्ट कर दिया ,वे पुनः नए तथ्यों में प्रकट होती रही। मनुष्य की चतुराई ,अनुभव ,ज्ञान ,भावना ,कल्पना और दूरदर्शिता से मिलकर पुस्तकें बनती है। कई बार पुस्तकें लोगों को मुँह जबानी याद होती है। पुराने ज़माने में संस्कृत की पुस्तकें ,बाइबिल ,महाकवि होमर आदि की रचनाएं लोगों को याद थी। भारत के कोने – कोने से कवियों और विद्वानों ने संस्कृत के जरिये ही भारतीय साहित्य का भण्डार भरा। प्राचीन भारत का दर्शन व विज्ञान दूर दूर तक के देशों तक फैला।
पुस्तकें जो अमर हैं पाठ के प्रश्न उत्तर
प्र.१. पाठ से
१. क. सी हांग ती के समय में पुस्तकें कागज़ में नहीं छपती थी क्योंकि छापेखाने नहीं थे। तब लकड़ी के टुकड़ों पर अक्षर खुदे रहते थे और उन्हें छिपाकर रखना भी आसान नहीं होता था।
ख.पाठ के आधार पर बताओ कि राजा को पुस्तकों से क्या खतरा था ?
ख. राजा को पुस्तकों से वैसे तो कोई खतरा नहीं था ,लेकिन भविष्य में खतरा हो सकता था। जो पुस्तकें लिखी गयी थी ,उन पर केवल पूर्वजों का ही गुणगान ही किया गया था। लेकिन ऐसे लेखक भी हो सकते थे ,जो सम्राट को भला – बुरा कहने की हिम्मत रख सकते थे। इससे अच्छा है कि समस्त पुस्तकों को ही नष्ट कर दिया जाए।
ग. पुराने समय से ही अनेक व्यक्तियों ने पुस्तकें को नष्ट करने का प्रयास किया। पाठ में से कोई तीन उदाहरण ढूंढकर लिखो।
ग. पुराने समय से ही अनेक व्यक्तियों ने पुस्तकों को नष्ट करने का प्रयास किया। निम्नलिखित प्रकरणों में पुस्तकों को नष्ट किया गया –
- चीनी सम्राट सी हांग ती ने अपने सैनिकों को राज्य भर की किताबों को नष्ट करने का आदेश दिया।
- नालंदा विश्वविद्यालय में आक्रमणकारियों ने विशाल पुस्तकालय के तीन विभागों को जलाकर राख कर दिया।
- प्राचीन नगर सिकंदरिया में पुस्तकालय को सातवीं सदी में जानबूझकर जला दिया गया। उनका मानना था कि उनके धार्मिक पुस्तक के अतिरिक्त अन्य किसी पुस्तक को पढने की आवश्यकता नहीं है।
घ. बार – बार नष्ट करने की कोशिशों के बाद भी किताबें समाप्त नहीं हुई। क्यों ?
घ. बार बार नष्ट करने की कोशिशो के बाद भी किताबों को समाप्त नहीं किया जा सका। पुस्तकें मनुष्य की चतुराई ,अनुभव ,ज्ञान ,भावना ,कल्पना और दूरदर्शिता आदि से मिलकर बनी होती है। यही कारण है कि पुस्तकें नष्ट कर देने से मनुष्य में ये गुण समाप्त हो जाते हैं।
२. तुम्हारी बात
क. किताबों को सुरक्षित रखने के लिए तुम क्या करते हो ?
क. किताबों को सुरक्षित रखने के लिए मैं उनके ऊपर कवर पेज और बुक बैंडिंग करा के रखता हूँ। मैं उन्हें गन्दगी से बचाकर रखने के लिए उन्हें आलमारी या बैग में सुरक्षित रखता हूँ।
ख. पुराने समय में किताबें कुछ लोगों तक ही सीमित थी। तुम्हारे विचार से किस चीज़ के अविष्कार से किताबें आम आदमी तक पहुँच सकी ?
ख. पुराने समय में किताबें कुछ लोगों तक ही सीमित थी। मेरे विचार से छापेखाने के अविष्कार से किताबें आम आदमी तक पहुँच सकी।
३. सही शब्द भरो
क. साहित्य की दृष्टि से भारत का अतीत महान है। (अतीत/भूगोल )
ख. पुस्तकालय के तीन विभागों को जलाकर राख कर दिया गया। (गर्म /राख )
ग. उसे किताबों सहित जमीन में दफना दिया गया। (जमीन/आकाश )
घ. कागज़ ही जलता है ,शब्द तो उड़ जाते हैं। (शब्द /पांडुलिपि )
४. पढो ,समझो और करो।
इतिहास – इतिहासकार
उ. उत्तर निम्नलिखित है –
शिल्प – शिल्पकार।
मूर्ति – मूर्तिकार
गीत – गीतकार
रचना – रचनाकार।
संगीत – संगीतकार
पुस्तकें जो अमर हैं पाठ के शब्दार्थ
नाराजगी – गुस्सा क्रोध
कर – लगान ,टैक्स
पांडुलिपि – पुस्तक की हस्तलिखित प्रति
कृत्रिम – नकली ,बनावटी
जमा – इकठ्ठा
अनगिनत – जिसकी गिनती न हो सके।
दूरदर्शिता – आगे की सोचना।
जबानी – मौखिक
चारण – यशगान करने वाला समुदाय
अतीत – बीता हुआ समय