आचार्य नरेन्द्र देव का जीवन परिचय | Narendra Dev Biography

आचार्य नरेन्द्र देव का जीवन परिचय 

चार्य नरेन्द्र देव का जीवन परिचय भारतीय समाजवादी विचारक नरेंद्रदेव Narendradev ke vichar नरेंद्रदेव का समाजवाद शिक्षा पर नरेंद्रदेव के विचार, Narendradev ke samajvad sambandhi vichar acharya narendra dev par essay acharya narendra dev par nibandh acharya narendra dev par nibandh in hindi essay on acharya narendra dev in hindi आचार्य नरेंद्र देव का निबंध आचार्य नरेंद्र देव निबंध हिंदी में acharya narendra dev ka jeevan parichay – सुप्रसिद्ध समाजसेवी ,उच्चकोटि के वक्ता ,समर्थ लेखक एवं विचारक तथा शिक्षाविद आचार्य नरेन्द्र देव का जन्म ३१ अक्टूबर ,१८९० को उत्तर प्रदेश के सीतापुर नामक ग्राम में हुआ था। आपने इलाहबाद विश्वविद्यालय से एम.ए तथा एल.एल.बी की परीक्षाएं पास की तथा काशी विद्यापीठ में अध्यापन कार्य प्रारम्भ किया। लम्बे समय तक वहां अध्यापन करने के पश्चात आप काशी विद्यापीठ के उपकुलपति बने। लखनऊ और काशी हिंदी विश्वविद्यालय के भी वे कुलपति रहे। सन १९३७ में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित आचार्य नरेन्द्र देव समिति के शिक्षा सुधारों में सुझाव दिए। आचार्य जी संस्कृत के साथ साथ हिंदी ,अंग्रेजी ,पाली ,फ़ारसी तथा उर्दू के भी विद्वान थे। इतिहास ,समाजशास्त्र तथा राजनीति शास्त्र के भी आप विद्वान थे। 
आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी विचारधारी के पक्षधर थे। राष्ट्र प्रेम एवं राष्ट्र चिंतन उनकी विशेषता थी। भारतीय संस्कृति के गहन अध्ययन के साथ साथ आधुनिक जीवन दृष्टि एवं उदार भावनाएं उनके साहित्य का श्रृंगार करती हैं। 

आचार्य नरेंद्र देव का लेखन एवं रचनाएँ

आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी विचारधारा से प्रभावित थे। उनकी निम्नलिखित पुस्तकें प्रसिद्ध हैं – 
  • राष्ट्रीयता और समाजवाद 
  • समाजवाद 
  • लक्ष्य तथा साधना 
  • समाजवादी और राष्ट्रीय क्रांति 
  • राष्ट्रीय आन्दोलन का इतिहास 
  • बोधिचर्या तथा महायान 
  • अभिधर्म कोष 
आचार्य नरेन्द्र देव का जीवन परिचय | Narendra Dev Biography

आचार्य जी ने विद्यार्थियों के लिए इंग्लैंड ,आयरलैंड ,रूस ,इटली तथा अमेरिका आदि के इतिहास पर छोटी छोटी पुस्तकें लिखी हैं। जीवन ने अंतिम दिनों में आप बौद्ध धर्म दर्शन नामक ग्रन्थ लिख रहे थे जिसका प्रकाशन उनकी मृत्यु के पश्चात हुआ। साहित्य अकादमी की ओर इस ग्रन्थ पर आपको पुरस्कार भी प्रदान किया गया। 

आचार्य नरेन्द्र देव जी की निबंध शैली

आचार्य नरेन्द्र देव जी की निबंध शैली की निम्नलिखित विशेषताएं हैं – 
  1. आचार्य नरेन्द्र देव ओजस्वी वक्ता थे। उन्होंने तर्क प्रधान शैली को अपनाया है। 
  2. आप संस्कृत के विद्वान थे परन्तु आपने साधारण बोलचाल के शब्दों का प्रयोग करके अपनी भाषा शैली को सरल एवं सुबोध बनाया। भाषा पर आपका सहज अधिकार था। आपने तर्कपूर्ण ढंग से अपनी बात को प्रस्तुत किया। 
  3. आपके लेख विचार प्रधान है और उनमें राष्ट्र प्रेम तथा राष्ट्र चिंतन स्पष्ट झलकता है। 
  4. आपके लेखन के क्षेत्र अत्यंत विस्तृत था। साहित्य ,राजनीति ,धर्म ,इतिहास ,शिक्षा तथा दर्शन पर आपने अनेक पुस्तकें लिखी। आपके चिंतन की स्पष्ट एवं समाजवादी जीवन दृष्टि आपकी रचनाओं का श्रृंगार है। आपने राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाने के लिए कुछ व्यावहारिक सुझाव दिए हैं। जनतंत्र की मजबूती ही राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाती है और इसके लिए हमें सामाजिक असमानता को समाप्त करने ,साम्प्रदायिकता को मिटाने ,सर्वधर्म की भावना को जन्म की आवश्यकता है। 

आचार्य नरेन्द्रदेव की मृत्यु १९५७ ई. में हुई थी। उनकी मृत्यु से एक राष्ट्र भक्त एवं प्रखर समाजवादी चिन्तक एवं शिक्षाविद हम से छिन गया। 

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