क्या होती है स्त्रियां ?

क्या होती है स्त्रियां ?

घर की नींव में दफ़न सिसकियाँ और आहें हैं स्त्रियां।
त्याग तपस्या और प्यार की पनाहें हैं स्त्रियां।
हर घर में मोड़ी और मरोड़ी जाती हैं स्त्रियां।
परवरिश के नाटक में हथौड़े से तोड़ी जाती हैं स्त्रियां।
एक धधकती संवेदना से संज्ञाहीन मशीनें बना दी जाती है स्त्रियां।
सिलवटें, सिसकियाँ और जिस्म की तनी हुई कमानें है स्त्रियां।
नदी-सी फूट पड़ती हैं तमाम पत्थरों के बीच स्त्रियां।
बाहर कोमल अंदर सूरज सी तपती हैं स्त्रियां।
हर नवरात्रों में देवी के नाम पर पूजी जाती हैं स्त्रियां।
नवरात्री के बाद बुरी तरह से पीटी जाती हैं स्त्रियां।

स्त्रियां
बहुत बुरी लगती हैं जब अपना हक़ मांगती हैं स्त्रियां।
बकरे और मुर्गे के गोस्त की कीमतों पर बिकती हैं स्त्रियां।
हर दिन सुबह मशीन सी चालू होती हैं स्त्रियां।
दिन भर घर की धुरी पर धरती सी घूमती हैं स्त्रियां।
कुलों के दीपक जला कर बुझ जाती हैं स्त्रियां।
जन्म से पहले ही गटर में फेंक दी जाती हैं स्त्रियां।
जानवर की तरह अनजान खूंटे से बांध दी जाती हैं स्त्रियां।
‘बात न माने जाने पर ‘एसिड से जल दी जाती हैं स्त्रियां।
गुंडो के लिए ‘माल ‘मलाई ‘पटाखा ”स्वादिष्ट ‘होती हैं स्त्रियां।
मर्दों के लिए भुना ताजा गोस्त होती हैं स्त्रियां।
लज्जा ,शील ,भय ,भावुकता से लदी होती हैं स्त्रियां।
अनगिनत पीड़ा और दुखों की गठरी होती हैं स्त्रियां।
संतानों के लिए अभेद्द सुरक्षा कवच होती हैं स्त्रियां।
स्वयं के लिए रेत की ढहती दीवार होती है स्त्रियां।



यह रचना सुशील कुमार शर्मा जी द्वारा लिखी गयी है . आप व्यवहारिक भूगर्भ शास्त्र और अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक हैं। इसके साथ ही आपने बी.एड. की उपाध‍ि भी प्राप्त की है। आप वर्तमान में शासकीय आदर्श उच्च माध्य विद्यालय, गाडरवारा, मध्य प्रदेश में वरिष्ठ अध्यापक (अंग्रेजी) के पद पर कार्यरत हैं। आप एक उत्कृष्ट शिक्षा शास्त्री के आलावा सामाजिक एवं वैज्ञानिक मुद्दों पर चिंतन करने वाले लेखक के रूप में जाने जाते हैं| अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में शिक्षा से सम्बंधित आलेख प्रकाशित होते रहे हैं | अापकी रचनाएं समय-समय पर देशबंधु पत्र ,साईंटिफिक वर्ल्ड ,हिंदी वर्ल्ड, साहित्य शिल्पी ,रचना कार ,काव्यसागर, स्वर्गविभा एवं अन्य  वेबसाइटो पर एवं विभ‍िन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाश‍ित हो चुकी हैं।आपको विभिन्न सम्मानों से पुरुष्कृत किया जा चुका है जिनमे प्रमुख हैं :-
 1.विपिन जोशी रास्ट्रीय शिक्षक सम्मान “द्रोणाचार्य “सम्मान  2012
 2.उर्स कमेटी गाडरवारा द्वारा सद्भावना सम्मान 2007
 3.कुष्ट रोग उन्मूलन के लिए नरसिंहपुर जिला द्वारा सम्मान 2002
 4.नशामुक्ति अभियान के लिए सम्मानित 2009
इसके आलावा आप पर्यावरण ,विज्ञान, शिक्षा एवं समाज  के सरोकारों पर नियमित लेखन कर रहे हैं |


You May Also Like