छुक छुक छुक छुक रेल चली
छुक छुक छुक छुक रेल चली।
रेल चली भाई रेल चली।
गार्ड ने सीटी जोर बजाई
हरी हरी झण्डी लहराई।
रेल |
लाल सिग्नल हरा हुआ
मुन्नू रोया डरा हुआ।
देखो गाड़ी टहल चली।
छुक छुक छुक छुक रेल चली।
डिब्बे में है भीड़ भड़क्का।
दादाजी ने खाया धक्का।
धमा चौकड़ी लोग मचाते।
ऊपर चढ़ते नीचे आते।
हम सबको तो सीट मिली।
छुक छुक छुक छुक रेल चली।
मूंगफली वाला चिल्लाया।
गरम समोसे वाला आया।
गरम चाय की प्याली आई।
चना बेचने वाली आई।
बच्चों को आइसक्रीम मिली।
छुक छुक छुक छुक रेल चली।
– सुशील शर्मा