ज़िन्दगी

ज़िन्दगी

रुकती नहीं बस चलती जाती है ज़िन्दगी 
रुलाती है फिर खिलखिलाती है ज़िन्दगी 
आंसू देने वालों को रोक न सकेगे हम 
फिर भी अंत में सदा मुस्कुराती है ज़िन्दगी 
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी 
कोशिशें नाकाम हो या उम्मीदें हताश हों 
हौसला डिगे या भटकता विश्वास हो 
क्या हुआ जो थोड़ा डर गये जमाने से 
कमजोरों भी को लड़ना सिखाती है ज़िन्दगी 
कदम बढाने पर अपनाती है ज़िन्दगी 
सताये हुओं को बहलाती है ज़िन्दगी 
मरने के बाद जो बचता वो नाम है
वो नाम बनाना भी दिखाती है ज़िन्दगी 
बच्चों की नादानियां बड़ों का सयानापन 
धीरे धीरे इनमें बदल जाती है ज़िन्दगी 
कहती है साथ साथ तुम भी बदलते चलो 
क्योंकि कहीं पर न रुक पाती है ज़िन्दगी 
भटकता है मन जब हाथ की लकीरों में 
डरता है तू जब बेकार की दलीलों में
डगमगा रहा हो जब विश्वास टूट जाने को 
तब ही सही राहें दिखाती है जिन्दगी 
Ankit bajpai 
S/O Mr.  Ram Naresh Bajpai 
Email Id – ankitbajpai031@gmail.com 
Mobile no.  9453734113
Address–58 Swaroop nagar Sitapur uttar pradesh 
Education–pursuing B.A. from csjm university 
Hobby — writing poems and stories

You May Also Like