परीक्षा में असफल होने पर मित्र को संवेदना पत्र
१२५ , विकासनगर ,
लखनऊ – ७५
दिनांकः ०९/०३/२०२२
प्रिय राजेश ,
कैसे हो ? आशा करता हूँ कि तुम सकुशल होगे। कल ही चाचा जी का पत्र मिला ,जिससे यह ज्ञात हुआ कि तुम कक्षा ८ की वार्षिक परीक्षा में असफल हो गए हो। इस पत्र को पढ़कर मुझे बहुत दुःख हुआ।
तुमने वार्षिक परीक्षा के लिए बहुत तैयारी की थी। लेकिन परीक्षा के ठीक १ महीने पहले तुम डेंगू रोग से ग्रसित हो गए। इस बीमारी के दौरान ही तुमको परीक्षा देनी पड़ी और तुम ठीक से स्वास्थ्य लाभ भी नहीं ले पाए। साथ ही तुम्हारी पढ़ाई में रुकावट आई। जिसे तुम अब दुर्भाग्य समझकर भूल जाओ।
मित्र ,तुम्हे इस क्षणिक असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। जीवन में असफलता जरुर मिलती है ,लेकिन इस क्षणिक असफलता से जो निराश हो जाए ,उसे भला मनुष्य नहीं कहा जाएगा। अतः इस असफलता पर तुम्हे निराश होकर नहीं बैठना चाहिए ,बल्कि अगले वर्ष अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर अधिक परिश्रम करते हुए ,अपनी कक्षा में अधिक से अधिक अंक उठाना तुम्हारा लक्ष्य होना चाहिए। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम अवश्य ही मेरे बातों पर ध्यानपूर्वक धैर्य के साथ तथा लगन पूर्वक अपने अध्ययन में जुट जाओगे।
चाचाजी व चाची जी को सादर प्रणाम व प्यारी रिंकी बहन को ढेर सारा स्नेह।जल्द ही तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा में।
तुम्हारा मित्र
रजनीश सिंह