कोरोना महामारी के समय में घटती नैतिकता
यही तो हो रहा है इन दिनों आदमी एक दूसरे से आक्रांत सा रहने लगा है,थोड़ा सा धैर्य हम सबको रखने की जरूरत है,ये सच है कि समय सदैव एक सा नहीं रहता पर ये भी तो सहीहै कि ये सब बहुत जल्दी खत्म होने वाला नहीं है ऐसे में हमारा छोटा सा प्रयास ही काफी होगा इस मुश्किल समय से लडऩे के लिए।घर परिवार में सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग परेशान हैं हम सब तो फिर भी अपने आपको व्यस्त रख सकते हैं पर इन सबका क्या होगा, क्या ये इस तरह मानसिक रोगी नहीं बन जायेंगे ,थोड़ी आवश्यकता है विचार करने की,अन्यथा हम अपने सुनहरे भविष्य का स्वप्न कैसे देखेंगे।कुछ व्यवसाय ऐसेहैं जो एकदम बर्बादी हो गये और कुछ तेजी से चल पड़े ।थोडी़ सी इंसानियत जरूरी है देश को समान रूप से चलने के लिए ।हमें भूलना नहीं चाहिए हमारे देश ने कितनी ही विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य और नैतिकता को नहीं छोडा़ है ,फिर आज क्यूँ हम मानवता से विमुख हो रहे हैं
प्रियंका गणेश दाधीच