महेंद्र भटनागर |
सितारों से सजी चादर बिछाए चाँद सोता है !
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बड़ा निश्चिन्त है तन से,
बड़ा निश्चिन्त है मन से,
बड़ा निश्चिन्त जीवन से,
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किसी के प्यार का आँचल दबाए चाँद सोता है !
सितारों से सजी चादर बिछाए चाँद सोता है !
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नयी सब भावनाएँ हैं,
नयी सब कल्पनाएँ हैं,
नयी सब वासनाएँ हैं,
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हृदय में स्वप्न की दुनिया बसाए चाँद सोता है !
सितारों से सजी चाँद बिछाए चाँद सोता है !
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सुखद हर साँस है जिसकी,
मधुर हर आस है जिसकी,
सनातन प्यास है जिसकी,
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विभा को वक्ष पर अपने लिटाए चाँद सोता है !
सितारों से सजी चादर बिछाए चाँद सोता है !
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महेंद्र भटनागर स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी-कविता के बहुचर्चित यशस्वी हस्ताक्षर हैं। महेंद्रभटनागर-साहित्य
के छह खंड ‘महेंद्रभटनागर-समग्र’ अभिधान से प्रकाशित हो चुके हैं।
‘महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा’ के तीन खंडों में उनकी अठारह काव्य-कृतियाँ
समाविष्ट हैं। महेंद्रभटनागर की कविताओं के अंग्रेज़ी में ग्यारह संग्रह
उपलब्ध हैं। फ्रेंच में एक-सौ-आठ कविताओं का संकलन प्रकाशित हो चुका है।
तमिल में दो, तेलुगु में एक, कन्नड़ में एक, मराठी में एक कविता-संग्रह छपे
हैं। बाँगला, मणिपुरी, ओड़िया, उर्दू, आदि भाषाओं के काव्य-संकलन
प्रकाशनाधीन हैं।
इस कविता को कुमार आदित्य विक्रम ने स्वरबद्ध किया है —
कुमार आदित्य विक्रम |
डॉ. महेंद्रभटनागर-विरचित गीतों की धुनें यशस्वी संगीतज्ञ कुमार आदित्य विक्रम ने बनायी हैं और स्वयं उन्हें संगीतबद्ध कर, उन्हें अपना स्वर दिया है। उनकी ये प्रस्तुतियाँ इंटरनेट पर उपलब्ध हैं।आदित्य विक्रम का जन्म दि. 4 नवम्बर 1971 को महू (इंदौर-म.प्र.) में हुआ। उच्च-शिक्षा (एम.ए. /कण्ठ्य / ‘इंदिरा गांधी कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ – म.प्र. / सन् 1995 तानसेन की नगरी ग्वालियर में। स्थायी आवास ग्वालियर में। सम्प्रति मुम्बई में साहित्यिक गीतों, फ़िल्मी गानों, भजनों, ग़ज़लों के सांगीतिक कार्यक्रमों और सांगीतिक अलबमों में गायन। आकाशवाणी–कलाकार सन् 1998 से।फ़ोन: 0751–4092908