मतलब उद्देश्य स्वार्थ अभिप्राय

 मतलब उद्देश्य स्वार्थ अभिप्राय हिन्दी कविता

 मेरा कुछ और था,
  तेरा कुछ और है,
  उसका कुछ और होगा,
  ऐसे ही,
  ‘मतलब’
  का भी कोई और,
  मतलब होगा,
 

मतलब उद्देश्य स्वार्थ अभिप्राय

  जरूर, वह अपना(काम) मतलब,
  पूर्ण करने आया था,
  तेरा उससे कुछ और मतलब है,
  मेरा मतलब,
  बिना वजह मतलब में प्रवेश,
  जबकि,
  तेरा, न उसका,
  न हीं मेरा,
  मतलब अलग है,
  बस नजर या सोच,
  या अंदाजा और बेबसी,
  मजबूरी, लाचारी, कमजोरी,
  मतलब से जुड़ती चली जाती है,
  भूत, भविष्य और वर्तमान,
  तीनों कालों का मतलब एक ही है,
  पर,
  समय की गति से,
  मतलब का भेद,
  मतलब का मतभेद,
  मतलब का ‘वेद’,
  बना है,आजकल,
  जीना सबको,
  मरना सबको,
  ‘मतलब’
  सत्य से झुका है,
  सत्य से उठा है,
  मतलब का, मतलब,
  एक दूसरे के मतलब में,
  निकालते रहो,
  अपने आपको,
  संभालते रहो,
  क्योंकि दुनिया मतलबी है,
  हैरान होने की बात नहीं’
  सब परेशान हैं,
  ‘मतलब’…..

        

–  डॉ.अनिल मीणा (व्याख्याता -हिन्दी),

         मोबाईल नम्बर्-7891164635,

         राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कालाकोट,

         छोटी सादरी,  प्रतापगढ़,राज.312604

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