मिला हैं एक जीवन ना बैठो बेकार

मिला हैं एक जीवन ना बैठो बेकार


मनुष्य…
उठो साहस से, करो लक्ष्य पार,
मिला है एक जीवन, 
ना बैठो बेकार।।

मिला हैं एक जीवन ना बैठो बेकार

देखो एक चींटी को,
अपने साहस से, करे लक्ष्य पार,
मिला है एक जीवन, 
ना बैठो बेकार।।

देखो एक शेर को,
अपने साहस से, करे जंगल पे राज, 
मिला है एक जीवन,
ना बैठो बेकार।। 

देखो एक मां को,
अपने साहस से , करे बच्चो पे कुर्बान जान, 
मिला हैं एक जीवन
ना बैठो बेकार।।

देखो एक पिता को, 
अपने साहस से, दिखाए बच्चो को नई राह,
मिला हैं एक जीवन,
ना बैठो बेकार।।

देखो एक बाज को,
अपने साहस से, करे शिकार का शिकार,
मिला है एक जीवन,
ना बैठो बेकार।।

देखो एक कछुए को, 
अपने साहस से, दे खरगोस को भी मात,
मिला हैं एक जीवन,
ना बैठो बेकार।।

ऐ मनुष्य…
यउठी साहस से, करो लक्ष्य पार, 
मिला है एक जीवन,
ना बैठो बेकार, ना बैठो बेकार।।


– निकिता कुमारी

मिर्जवास,सांखू बलारा,

लक्ष्मनगढ़,सीकर, राजस्थान

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