नववर्ष
आगत का स्वागत करें ,गत को विदा सहर्ष।
जीवनक्रम में आ बसा ,सन उन्नीस सुवर्ष।
नए वर्ष की भोर है,सपने नवल किशोर।
धूप की चादर ओढ़ कर,ठण्ड मचाये शोर।
ऊर्जित मन आशा भरे,देखें आगत ओर।
बीते ने जो भी दिया,बांध लिया मन छोर।
अभिनन्दन आह्लाद से ,भौरें गाते गीत।
शुभागमन नव वर्ष का ,आवाहित मन मीत ।
अगहन ,कातिक मास के,चढ़ कर सीने ठण्ड।
सूरज को ठुठरा रही ,सर्दी बड़ी प्रचंड।
ज्योति सुमङ्गल पावनी,नए नवल निष्कर्ष।
खुशियों से पूरित रहे,कल्पवृक्ष ये वर्ष।
सुबह सबेरे की किरण,विभा भोर की ओस।
तन मन पुलकित पुष्प सा, छूटे सब अफसोस।
राधा मन में बस गई, साथ मिले घनश्याम।
नए वर्ष में अब चलो,विचरेंगे ब्रजधाम।
विदा अठारह आज तुम,चले छोड़ मन चित्र।
बहुत दिया तुमने हमें,याद रहोगे मित्र।
आप सभी को सपरिवार अंग्रेजी नए साल की शुभकामनाएं।
– सुशील शर्मा